नई दिल्ली । दिल्ली के जहांगीरपुरी में निगम प्रशासन ने बुधवार को अवैध निर्माण, अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार की सुबह सुनवाई के दौरान इलाके में डिमोलिशन ड्राइव पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अध्यक्ष जमीयत उलमा-ए-हिंद मौलाना अरशद मदनी ने जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान में सुप्रीम कोर्ट के तत्काल हस्तक्षेप का स्वागत किया है।
सुप्रीम कोर्ट के तत्काल हस्तक्षेप का स्वागत कर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, हम अदालत के इस प्रारंभिक आदेश का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं, कि फैसला हमारे पक्ष में होगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हमेशा देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में किसी भी सरकार या अदालत के फैसले का स्वागत किया है और आगे भी करता रहेगा।
जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे। इलाके में बुधवार की कार्रवाई के चलते भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और घरों की छतों पर भी पैरामिल्रिटी फोर्सेस को भी लगाया गया है, ताकि कार्रवाई के दौरान हालात को काबू में लाया जा सके।
निगम प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई के दौरान इलाके में मौजूद रहे, इस कार्रवाई के लिए निगम ने 100 सकर्मचारी और 7 बुलडोजर शामिल किए, निगम कमिश्नर और निगम महापौर भी इस दौरान इलाके में मौजूद रहे। दरअसल इलाके में कई सालों से कबाड़ का काम हो रहा है, अधिकतर सड़कों पर लोगों ने अपना कब्जा किया हुआ है।
16 अप्रैल को शोभा यात्रा के बवाल हुआ और दो समुदायों के बीच हिंसा छिड़ गई। इसके बाद मंगलवार को दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने निगम महापौर और कमिश्नर को अवैध निर्माण हटाने की अपील की थी, देर शाम तक निगम प्रशासन ने भी अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए। निगम ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस से कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए मदद मांगी है। निगम ने डीसीपी को पत्र लिख 400 पुलिसकर्मियों का दस्ता मांगा है।
दरअसल अभी तक दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया है। जानकारी के अनुसार, अंसार, सलीम, इमाम शेख उर्फ सोनू, दिलशादी और आहिदी पर एनएसए लगा है।