Monday, June 5, 2023

अदालत के फैसले पर राहुल गांधी का टवीट, मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित


-प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरने वाले


-खरगे, गहलोत और भूपेश ने कहा, वहां राजनैतिक बयान था

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद कांग्रेस में खलबली मची है। करीब चार साल पहले मोदी उपनाम पर विवादित टिप्पणी को लेकर सूरत की एक अदालत ने गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी ठहराया। 2019 में यह मानहानि का मामला दर्ज हुआ था। हालांकि हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को फौरन जमानत भी दे दी। राहुल की सजा पर 30 दिन की रोक लगाई है जिससे राहुल गांधी फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। गुरुवार सुबह ही राहुल गांधी सूरत पहुंचे थे और फैसला आने के बाद दिल्ली लौटते समय उन्होंने पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने टवीट करते हुए महात्मा गांधी के विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उस पाने का साधन। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी ट्रेंड हो रहे हैं। भाजपा गुट में खुशी हैं, तब कांग्रेस समर्थक भड़के हुए हैं। कई कांग्रेस समर्थकों ने लिखा है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। दिल्ली में यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन भी हो रहा है।


हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा, डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरने वाले हैं, सच बोलते हुए जीये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत और करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।


वहीं राहुल के वकील बाबू मंगुकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने कांग्रेस नेता को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया। ये धाराएं मानहानि से जुड़ी हैं। राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था, सभी चोरों का एक जैसा सरनेम मोदी ही कैसे होता है? वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने यह टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में रैली में की थी। राहुल की टिप्पणी के खिलाफ भाजपा के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी।


कोर्ट का फैसला आते ही भाजपा नेता ट्वीट करने लगे हैं। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल को सजा देने के फैसले पर कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करना, जनता को सच बताना हमारा काम है, लेकिन यह जो तानाशाही सरकार है, यह न लोकतंत्र को मानती है और न सदन में चर्चा चाहती है। ये लोग संविधान और लोकतंत्र के हिसाब से नहीं चलना चाहते हैं। खरगे ने कहा कि उन्हें (राहुल) जमानत मिल गई है। ये (भाजपा) लोग पहले जज को बदलते गए, हमें अंदाजा लग रहा था लेकिन हम कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं।


आज कोर्ट पर दबाव है… राहुल गांधी की जो टिप्पणी है, ऐसी राजनीतिक टिप्पणियां चलती रहती हैं। ऐसी टिप्पणियां अटल जी ने, आडवाणी जी ने पता नहीं कितनी की होंगी। लेकिन पहले इस तरह से मामला दर्ज नहीं होता था। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में सही फैसला होगा। वहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मीडिया को दबाने की कोशिश है, कोर्ट को भी प्रभावित करने की कोशिश होती है। राजनीतिक दल के लोगों पर इसी स्तर पर जाकर वे कार्रवाई कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने जो कहा था, वह राजनीतिक बयान था। ऐसी टिप्पणियां राजनीति में होती रहती हैं।

इरादा खराब नहीं था, माफी मांगने का सवाल नहीं
कांग्रेस सांसद राहुल को गुरुवार को सूरत की अदालत ने मोदी उपनाम टिप्पणी के लिए मानहानि मामले में दोषी ठहराया और 2 साल की जेल की सजा सुनाई। हाई कोर्ट में फैसले के खिलाफ जाने के लिए राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से जमानत की अपील की, जिसके बाद उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी गई हैं। सुनवाई के दौरान राहुल गाधीं ने अपने पक्ष में कोर्ट के सामने कई बातें रखी। उन्होंने कहा कि मैं एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहा था सब कुछ याद नहीं है क्या-क्या कहा लेकिन मेरा इरादा किसी का दिल दुखाना नहीं बल्कि एक नेता होने के कारण देश के भ्रष्टाचार को उदागर करना था।


राहुल गांधी ने अदालत में कहा कि उनका इरादा गलत नहीं था जब उन्होंने सोचा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों होता है। फैसले से पहले अदालत में मौजूद गांधी परिवार के वंशज ने कहा, मेरा इरादा गलत नहीं था।


शिकायतकर्ता ने दावा किया कि विवादास्पद टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में रैली में की गई थी, जिसने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था। कांग्रेस ने गुरुवार को राहुल गांधी के समर्थन में पोस्टर लगाए। पोस्टर सूरत कोर्ट के बाहर लगाए गए थे, जहां कांग्रेस सांसद अदालत की कार्यवाही के लिए पहुंचे थे। भगत सिंह और सुखदेव की तस्वीरों के साथ पोस्टरों में लिखा था, चलो लोकतंत्र के समर्थन में सूरत चलते हैं।

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"डंके की चोट " पर मै खरी दुनिया हू मै खरी दुनिया हू.... मै भ्रष्टाचारियों के बीच अकेला, लेकिन खरी दुनिया हू, मै हर हाल मे उन खबरो को, लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हू, जो अधिकांश बिकाऊ और बिकी मीडिया से, अपने "आका" के इशारे पर छुपा दी जाती हैं। मै इस लिए खरी दुनिया हू, क्योकि हमारी सरकार यानि "भारतीय जनता पार्टी " भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर "जीरो टालरेंस " क़ी हिमायती हैं। मै भाजपा की इस नीति का पालन करने और कराने के लिए "डंके की चोट" पर कफ़न "सर" पर लिए खुद को नियमबद्ध रखते हुए हाजिर हू....मै खरी दुनिया हू.... भ्रष्टाचारीयो मे अफसर हो, या गाव का प्रधान, मै पदीय अधिकारों क़ी आड़ मे क़ी गई उनकी अनियमित्ता के साक्ष्य को खोजने का काम करता हू , .....क्योकि मै खरी दुनिया हू।
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