- गिरफ्तार लोगो के गिरफ्तारी प्रपत्र से एसपी के अपराधिक कृत्य का हुआ खुलासा
- एसपी और विवेचक के खिलाफ कई कर रहे है अदालत से याचना की तैयारी
मऊ। पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे की जा रही मनामानियो मे निर्दोषों को आरोपी बना उनकी गिरफ्तारी मे अदालत की भी अवमानना किये जाने की खबर है। एसपी साहित तीन के इस आपराधिक कृत्य को लेकर “खरी दुनिया” अवमान अधिनियम के तहत याचना की तैयारी मे है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के द्वारा जिले के भ्रष्टाचारियों से मिलकर खरी दुनिया” के खिलाफ किये गये विद्वेष पूर्ण अभियोजन मे थाना कोटवाली मे दर्ज अपराध संख्या २५७/२२ की विवेचना मे फर्जी साक्ष्यों को गढ़ कर खरी दुनिया को जेल भेजनें के लिए पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए की गई मनमानियों मे साहब की एक बड़ी मनमानी “खरी दुनिया” के हाथ लग गई है।
मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक मुकदमे मे गिरफ्तारी को लेकर जारी दिशा निर्देशों की एसपी अविनाश पाण्डेय और उप निरीक्षक गंगा राम विन्द द्वारा अवहेलना की गई है। श्री डी के वसू बनाम पश्च्छिम बंगाल के मामले मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का एसपी और मामलो के विवेचको द्वारा खुला उल्लंघन किया गया है।
“न्याय” की आड़ मे एसपी ने कितने लोगो को जेल भेजनें मे ऐसी मनमानी की है ? “खरी दुनिया” साक्ष्य संकलन मे है। बहरहाल बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय और उनके विवेचक गंगा राम विन्द, हरेंद्र यादव की कलम उनकी मनमानी मे फंस गई है। इनकी इस मनमानी को लेकर “खरी दुनिया” ने अदालती आदेश की अवमानना की केस मा उच्च न्यायालय मे सोमवार को दाखिल कर दिया है।
अवमान अधिनियम की जद मे “प्रोसीडिंग स्टे” के “हाई कोर्ट” के आदेश बाद “बेल कैंसिलेशन” का आवेदन
मऊ । खरी दुनिया के खिलाफ विद्वेषपूर्ण अभियोजन को लक्ष्य बनाकर एसपी के द्वारा कराये गये दो मुकदमो मे जेल न भेज पाने के बाद कोतवाली प्रभारी मऊ अनिल सिंह के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत मे प्रस्तुत जमानत निरस्टीकरण का आवेदन भी अदालत अवमान अधिनियम की जद मे है।
सूत्रों के अनुसार पुलिसिया मनमानी मे उनकी काली करतूतों को खरी दुनिया द्वारा प्रकाशित किये जाने के बाद बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय द्वारा खरी दुनिया के विद्वेषपूर्ण अभियोजन को लक्ष्य बनाकर की गई अवैध कार्यवाहियो मे मिली हार से एसपी ने चिढ कर कोतवाली प्रभारी अनिल सिंह के माध्यम से खरी दुनिया की जमानत को निरस्त करने का जिला एवं सत्र न्यायाधीश् की अदालत मे भी आवेदन फाइल कराया गया है।
बतौर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मऊ अनिल सिंह द्वारा आवेदन मे अपराध संख्या 257.२२ और मुकदमा नंबर 653।23 की उच्च न्यायालय से प्रोसीडिंग स्टे के आदेश को छुपाया गया है। अनिल सिंह ने जिस अपराध संख्या मे अदालत द्वारा जारी जमानत को निरस्त करने का आवेदन दिया है उसकी समस्त कानूनी प्रक्रियाओ पर उच्च न्यायालय से स्थगन है। यही नही इस दौरान अनिल सिंह ने उन मामलो का भी जिक्र किया है जिस मामलो मे अदालत से मुकदमे समाप्त हो गये है, और जिन मामलो का उल्लेख किया है उसकी वर्तमान स्थिति से भी अदालत को गुमराह किया है।
तथ्यों को छुपाकर अदालत को गुमराह करने मे जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत मे दिये गये जमानत निरस्टीकरण के आवेदन को लेकर चर्चा मे आये अनिल सिंह अवमान अधिनियम की जद मे आ गये है। इनके कृत्य को लेकर खरी दुनिया ने अदालत मे कंटेम्पट की तैयारी मे है।