Friday, March 24, 2023

आंख के आंसू से कोविड वायरस का पता लगाया

अमेरिका के शोधकर्ताओं की टीम का दावा
सैन फ्रांसिस्को। ओकुलर स्वैब द्वारा लिए गए आंसुओं के सैंपल से कोविड-19 के कोरोना वायरस का पता लगाया जा सकता है। यह कहना है अमेरिका के शोधकर्ताओं की एक टीम का। अध्ययनकर्ता टीम के अनुसार, शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के पारंपरिक तरीकों से बीमारी का पता चलने वाले नमूनों का विश्लेषण करते हुए इसका पता लगाया है।

18.2 प्रतिशत नमूनों में सार्स -कोव-2 मौजूदगी का पता चला था, इसके आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि ये कोविड के पारंपरिक जांच स्वैबिंग विधि का विकल्प हो सकती है, जो प्रायः बहुत ही अप्रिय है। लेखक लुइज़ फर्नांडो मंज़ोनी लौरेनकोन ने बताया, ‘शुरुआत में हमने रोगियों को असुविधा दिए बिना ही नमूनों को इकठ्ठा किया। नाक और नासॉफिरिन्जियल स्वैबिंग न केवल अप्रिय है, बल्कि अक्सर गलत तरीके से भी किया जाता है।

Ads code goes here

नाक सेप्टम विचलन वाले लोगों के लिए, यह एक समस्या पैदा कर सकती है।’ उन्होनें बताया कि अध्यन के लिए 61 मरीजों को चुना गया था, उनमे से आरटी-पीसीआर के नासॉफिरिन्जियल स्वैब जांच में 33 कोविड पॉजिटिव पाए गए थे जबकि 28 के रिपोर्ट नेगेटिव थे। इन कुल मरीजों के आंसू का परीक्षण किया गया था।

शोध के निष्कर्ष से मालूम चलता है कि आंसुओं में वायरस का पता लगाने की संभावना तब अधिक होती है जब रोगी के पास उच्च वायरल लोड होता है।उन्होने आगे बताया, ‘हमने सोचा की आंख से आंसू के सैंपल की जांच करना हमारे लिए आसान और लोगो के लिए सहनीय होगा। ऐसा हुआ भी। हमने सफलता पूर्वक ऐसा कर दिखाया। यद्यपि, हमें मालूम नहीं था कि जांच के लिए एकत्रित तरल की मात्रा जांच को प्रभावित करेगी या नहीं।’

spot_img
Latest news
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
Related news

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें