Monday, March 27, 2023

आईटी एक्ट की धारा 66-ए निरस्त होने के बाद भी कर सकते हैं कार्रवाई


नई दिल्ली। आईटी एक्ट की धारा 66-ए 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द होने के बाद इंटरनेट और सोशल मीडिया पर गाली गलौज की बाढ़ आई गई है। लेकिन, इस धारा के रद्द होने के बावजूद लोग ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। यह अलग बात है कि इसके लिए उन्हें आईटी एक्ट के बजाए अन्य कानूनों का सहारा लेना पड़ेगा।

आईटी एक्ट की धारा 66-ए में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक उत्तेजक भावनाएं भड़काने वाली सामग्री डालने पर गिरफ्तारी का प्रावधान था। शीर्ष अदालत ने इसे बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार(संविधान के अनुच्छेद 19.1.ए) खिलाफ पाकर निरस्त कर दिया था। सोशल मीडिया पर अपमानजनक तथ्य प्रसारित/प्रकाशित करने पर आईपीसी की धारा 499, 500 और 501 (आपराधिक मानहानि) का सहारा लिया जा सकता है। यदि कोई आपके विरुद्ध सोशल मीडिया या इंटरनेट पर झूठी टिप्पणी कर रहा या आपके खिलाफ झूठ फैला रहा है, या आपके सम्मान को जानूझकर धूमिल कर रहा है तो उसके खिलाफ मजिस्ट्रेट के यहां मानहानि का दावा किया जा सकता है। इसमें कम से कम दो वर्ष की सजा का प्रावधान है।

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आपराधिक कानून विशेषज्ञ वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एचपी शर्मा के अलावा आईपीसी की धारा 469 (सम्मान को चोट पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जी कार्य करना या दस्तावेज बनाना) के तहत भी ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत की जा सकती है। यदि वह झूठे दस्तावेजों के आधार पर जानूझकर कर झूठे और भ्रामक तथ्य सोशल मीडिया पर लिख प्रकाशित कर रहा है। सोशल मीडिया पर लिखे यह तथ्य प्रकाशन माने जाएंगे, जो मानहानि और झूठे तथ्य फैलाने के लिए शिकायत करने की पहली जरूरत है।

इस धारा में भी दो वर्ष की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 153 ए (सामाजिक, वर्ग, लिंग, जन्म स्थान, भाषा को लेकर और धार्मिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिए अफवाह फैलाना) के तहत भी पुलिस में शिकायत की जा सकती है। सोशल मीडिया में इस तरह की अफवाह फैलाने पर पुलिस काफी कार्रवाई की है। यह संज्ञेय अपराध है और इसमें जमानत नहीं मिलती। इसमें पांच वर्ष की अधिकतम सजा का प्रावधान है।

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khariduniyahttp://khariduniya.com
"डंके की चोट " पर मै खरी दुनिया हू मै खरी दुनिया हू.... मै भ्रष्टाचारियों के बीच अकेला, लेकिन खरी दुनिया हू, मै हर हाल मे उन खबरो को, लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हू, जो अधिकांश बिकाऊ और बिकी मीडिया से, अपने "आका" के इशारे पर छुपा दी जाती हैं। मै इस लिए खरी दुनिया हू, क्योकि हमारी सरकार यानि "भारतीय जनता पार्टी " भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर "जीरो टालरेंस " क़ी हिमायती हैं। मै भाजपा की इस नीति का पालन करने और कराने के लिए "डंके की चोट" पर कफ़न "सर" पर लिए खुद को नियमबद्ध रखते हुए हाजिर हू....मै खरी दुनिया हू.... भ्रष्टाचारीयो मे अफसर हो, या गाव का प्रधान, मै पदीय अधिकारों क़ी आड़ मे क़ी गई उनकी अनियमित्ता के साक्ष्य को खोजने का काम करता हू , .....क्योकि मै खरी दुनिया हू।
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