नई दिल्ली। न्यूज़क्लिक वेबसाइट ने कहा है कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई जांच और चुनिंदा आरोप न्यूज़क्लिक सहित मीडिया संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के प्रयास हैं। न्यूज़क्लिक का स्वामित्व पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कंपनी ने प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा, “यह पहली बार नहीं है जब न्यूज़क्लिक को सरकारी एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया गया है। न्यूज़क्लिक के कार्यालयों के साथ-साथ प्रबीर पुरकायस्थ और हमारे साथ जुड़े अन्य व्यक्तियों के आवासों पर भी इस साल की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापा मारा गया था।”
बयान में कहा गया, “न्यूज़क्लिक ने प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध विंग द्वारा जांच में सहयोग किया है, और समय-समय पर उनके द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेजों को सौंपा है। आयकर अधिकारियों ने जून में प्रबीर और प्रांजल से पूछताछ की, और फिर से, न्यूज़क्लिक ने आवश्यक दस्तावेज प्रदान किए”।
पुरकायस्थ ने बयान में कहा, “कल की छापेमारी प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की जा रही उन्हीं झूठे और निराधार आरोपों से संबंधित प्रतीत होती है। हमने इन आरोपों को अदालतों में चुनौती दी है।”
उन्होंने कहा, “विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई ये जांच और ये चुनिंदा आरोप न्यूज़क्लिक सहित मीडिया संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के प्रयास हैं। अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत भारत का संविधान भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है।”