लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के शहरों को स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ-साथ नगर नियोजन करते समय भविष्य की जरूरतों का भी ध्यान रखें जिससे कि हमारे शहर उच्च आधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हों। उन्होंने एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी नगरीय निकायों को कूड़ा मुक्त यानि गार्बेज फ्री बनाने के संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री मंगलवार को मंत्रिमंडल के समक्ष नगर विकास सेक्टर के चार विभागों की कार्ययोजना देखने के बाद ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर जनपद व विकास प्राधिकरण में नियोजन का कार्य टाउन प्लानर या प्रोफेशनल से ही कराया जाए। अनियोजित विकास भविष्य के लिए बड़ी समस्या के कारक होते हैं। विकास प्राधिकरण लैंड बैंक विस्तार के लिए ठोस प्रयास करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए नियोजित प्रयास करना होगा।
अगले दो वर्ष में नजूल एवं अर्बन सीलिंग से सम्बंधित अभिलेखों को डिजिटाइज किया जाए। सभी नगरों का मास्टर प्लान तैयार कराएं। नगर निकायों में बिल्डिंग बायलॉज तैयार कराएं। वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मियों का स्थानांतरण किया जाए। विकास प्राधिकरणों की कार्यशैली में पारदर्शी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज कुंभ 2019 को पूरी दुनिया ने देखा है। धार्मिक और आध्यात्मिक कलेवर के साथ कुम्भ के दौरान वैश्विक स्तर पर स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। सबने सराहना की। अब जबकि महाकुंभ 2025 समीप है, तो लोगों की हमसे अधिक अपेक्षाएं होंगी। इसका ध्यान रखते हुए 2025 महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी नगर निगमों में इलेक्ट्रॉनिक बस सेवा शुरू करने की आवश्यकता है। इस संबंध में ठोस प्रयास किए जाएं। 14 नगरों में संचालित ई-बसों की फ्लीट को अगले 100 दिनों में दोगुना किया जाए। स्थानीय मांग के अनुसार नए रुट पर भी इस सेवा को शुरू कराएं। सिटी बस सेवा को मोबाइल एप से जोड़ने का प्रयास हो। इससे लोगों को सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 100 दिनों के भीतर मिशन पिंक टॉयलेट के तहत महिलाओं की सुविधा के लिए 10 हजार नए प्रसाधन कक्ष बनाए जाएं।
नगरों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के कार्य में सुधार की आवश्यकता है। अगले 100 दिनों में हमारा लक्ष्य हो कि सभी घरों तक इस सेवा का लाभ पहुंच जाए। ई-गवर्नेंस के तहत अगले 06 माह में सभी नगर निगमों में 100 प्रतिशत ऑनलाइन म्यूटेशन सेवा देने का प्रयास हो। वाटर और सीवर कनेक्शन के लिए पूरी तरह ऑनलाइन सेवा डेवलप की जाए। इसी तरह, अगले दो वर्ष में सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं में शत-प्रतिशत ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा होनी चाहिए।