नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने राजमार्ग (एनएच 74) घोटाले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक बड़े अधिकारी के आवास और कार्यालय में छापेमारी की है। जानकारी के भी मिल रही है कि यहां से सीबीआई ने तमाम दस्तावेज भी बरामद किए हैं। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में फिलहाल सीबीआई की ओर से केस दर्ज नहीं किया गया है। सीबीआई दिल्ली और देहरादून की संयुक्त टीम गुरुवार को दोपहर में ईसी रोड पर स्थित द सालिटेयर रेजिडेंसी पहुंची। सीबीआई को देख इस अपार्टमेंट में अफरा-तफरी मच गई। सीबीआई टीम के सदस्य अधिकारी के फ्लैट में पहुंचे और बाहर पुलिस की तैनाती कर दी। इसके अलावा सीबीआई ने एनएचआई के ऑफिस में भी छापेमारी की।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के आदेश पर सीबीआई प्राथमिक जांच कर रही है। इसके तहत यह कार्यवाई की जा रही है। सीबीआई ने गुरुवार देर रात तक एनएचआई अधिकारी के देहरादून में स्थित तीन ठिकानों पर कार्रवाई की। एनएचआई के इस अधिकारी के घर में बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इस कार्यवाही पर सीबीआई के स्थानीय अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
साल 2012-13 में हरिद्वार से सितारगंज तक 252 किलोमीटर दूरी के एनएच-74 के चौड़ीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी। साल 2013 में एनएचआई ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया था। नोटिफिकेशन के मुताबिक, चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन जिस भी कंडीशन में है, उसी उसी आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। इसमें जमीन के खसरा नंबर का भी जिक्र किया गया था।
कुछ किसानों ने अफसरों, कर्मचारियों और एजेंटों की मिलीभगत से बैकडेट में कृषि जमीन को अकृषि जमीन दिखाकर सरकार से करोड़ों का मुआवजा लिया था। जिससे सरकार को करोड़ों रुपयों का नुकसान झेलना पड़ा। इस मामले में कई बार शिकायत की गई तब जाकर 1 मार्च 2017 को तत्कालीन कुमाऊं आयुक्त सेंथिल पांडियन रुद्रपुर में कलेक्ट्रेट में अफसरों के साथ मीटिंग की थी। उनके द्वारा तब एनएच- 74 के निर्माण कार्य पर धांधली की आशंका भी जताई थी।
उन्होंने इसी आधार पर उधम सिंह नगर के तत्कालीन डीएम को जांच करने के भी आदेश दिए थे। इस पर 11 मार्च 2017 को तत्कालीन एडीएम प्रताप साह ने एनएच घोटाले का केस सिडकुल चौकी में दर्ज कराया था। जांच में कई अधिकारियों के नाम सामने आए थे। जांच के आधार पर कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई थी।