इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर में भारत के परिसीमन कराए जाने पर पाकिस्तान आगबबूला हो गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के प्रभारी राजदूत को तलब करके परिसीमन पर आपत्ति दर्ज कराई है। पाकिस्तान सरकार ने कहा कि वह भारत के कश्मीर पर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को खारिज करता है।
पाकिस्तान ने दावा किया है कि इस आयोग का उद्देश्य कश्मीर में मुस्लिमों को नागरिकता से वंचित करना और उन्हें कमजोर करना है।
पाकिस्तान ने कहा कि यह हास्यास्पद है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि कश्मीर में राजनीतिक दलों ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा इस प्रयास के जरिए भारत 5 अगस्त, 2019 को उठाए गए अपने कदम को केवल वैधानिक आधार देना चाहता है। बता दें कि इस दिन भारत ने कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करके अनुच्छेद 370 के ज्यादा प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस कदम के पीछे भारत सरकार की गुप्त योजना छिपी हुई है।
भारत ने परिसीमन के नाम पर विधानसभा क्षेत्रों को फिर से डिजाइन किया गया है, ताकि मुस्लिमों की बढ़त को कम किया जा सके। पाकिस्तान ने कहा यह भारत के उस दावे को खारिज करता है जिसमें कहा गया था कि परिसीमन को स्थानीय जनसंख्या को सशक्त बनाने के लिए अंजाम दिया जा रहा है।
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने दावा किया कि वास्तविकता में नई चुनावी सीमा जम्मू-कश्मीर के लोगों को कमजोर, अधिकारहीन और बांटेगी।
पाकिस्तान ने भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा। पाकिस्तान ने कहा कि भारत की ओर से मुस्लिमों का नुकसान करके हिंदुओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए कोई भी अवैध, एकतरफा और शरारतपूर्ण प्रयास लोकतंत्र के मानकों, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का मजाक है।