लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस पार्टी एवं उनके प्रमुख कर्णधारों राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के बीच लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर दिनभर चले शह और मात के खेल में आखिरकार राज्य सरकार ने इन्हें मौके पर जाने की अनुमति दे ही दी। हालांकि इससे पहले जब राहुल गांधी दिल्ली से लखनऊ के लिए प्रस्थान करने वाले थे तब यहां उन्हें तथा उनके साथ आ रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व पार्टी नेता रणदीप सिंह सुरेजेवाला को एयरपोर्ट से वापस लौटाने की तैयारी की गयी थी लेकिन बाद में राज्य सरकार ने सिर्फ पांच नेताओं को ही लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी। जिसके बाद राहुल गांधी अपने दल-बल के साथ सीधे सीतापुर पहुंचे जहां उन्होंने पहले अपने बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कर उनसे चर्चा की और फिर सभी देर शाम लखीमपुर के लिए रवाना हो गये। माना जा रहा है कि ये सभी करीब दो घण्टे में पीड़ितों के घर तक पहुंचेंगे।
उप्र सरकार ने लम्बे विचार विमर्श के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत पांच नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी। शासन ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के पांच नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी। इस बीच लखीमपुर खीरी जाने के लिए जब लखनऊ हवाई अड्डे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे तो उन्हें अपने वाहन से जाने की इजाजत नहीं दी गयी और कहा गया कि वह पुलिस के वाहन से जायें। इस पर वह विरोध में हवाई अड्डा परिसर में धरने पर बैठ गए। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमें अपनी गाड़ी में जाना है तो यह चाहते हैं कि हम इनके साथ उनकी गाड़ी में जाएं। मैं जानना चाहता हूं आप मुझे क्यों नहीं जाने दे रहे।
पहले मुझे बोला गया कि आप अपनी गाड़ी में जा सकते हैं अब बोल रहे हैं कि नहीं, आप पुलिस की गाड़ी में जाएंगे। यह कुछ ना कुछ बदमाशी कर रहे हैं। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि चाहे मुझे जेल में डाल दिया जाए, चाहे पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को जेल में डाल दिया जाए, कोई मतलब नहीं है। सवाल यह है कि छह लोगों को अपराधियों ने कुचल कर मार दिया। जिन लोगों को जेल में होना चाहिए उन्हें जेल में नहीं डाला जा रहा है। हमें मृतक किसानों के परिवारों से मिलने से रोका जा रहा है।
बाद में करीब आधे घंटे के गतिरोध के बाद प्रशासन का रुख नरम पड़ा और राहुल गांधी को उनकी ही गाड़ी से सीतापुर से होते हुए लखीमपुर जाने की इजाजत मिल गई। जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने साथियों के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हुए। रास्ते में वह सीतापुर पहुंचे जहां उन्होंने पीएसी गेस्ट में प्रियंका गांधी से मुलाकात कर करीब आधे घण्टे चर्चा की और फिर उनका काफिला देर शाम लखीमपुर के लिए रवाना हो गया। कांग्रेस का यह उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मण्डल लखीमपुर हिंसा में मारे गये चार किसानों सहित सभी आठ मृतकांे के परिजनों से भेंट करेगा। माना जा रहा है कि सभी नेता कल तक लखीमपुर खीरी, बहराइच क्षेत्र में ही रहेंगे और उनके गुरुवार देर शाम वापसी की संभावना है।