कीव । यूक्रेन पर रूसी हमला करीब दो महीने से जारी है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस पर आरोप लगाया है कि मॉस्को आंशिक रूप से कब्जे वाले क्षेत्र में फर्जी जनमत संग्रह करवा सकता है। उन्होंने कहा है कि रूस खेरसॉन और जापोरिज्जिया जैसे आंशिक कब्जे वाले क्षेत्रों में गलत तरीके से जनमत संग्रह बनाने की योजना बना रहा है।
21 अप्रैल को एक वीडियो मेसेज में जेलेंस्की ने रूसी कब्जे वाले क्षेत्र में रह रहे लोगों से रूसी सेना को पासपोर्ट नंबर सहित अन्य कोई भी व्यक्तिगत जानकारी नहीं देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यह आपकी मदद करने नहीं आए हैं। इनका मकसद आपकी जमीन पर तथाकथित जनमत संग्रह करना है। यही वास्तविकता है। ऐसे में सावधान रहें। मार्च की शुरुआत में कीव ने मॉस्को पर 2014 में क्रीमिया में हुए जनमत संग्रह के जैसे खेरसॉन में एक जनमत संग्रह बनाने का आरोप लगाया था। क्रीमिया में हुए अवैध वोटिंग को लेकर यूक्रेन सहित पश्चिमी देशों की सरकार ने निंदा की थी।
डोनेत्स्क और लुहांस्क के रूसी समर्थकों ने भी जनमत संग्रह के जरिए आजादी की घोषणा की थी जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा नाजायज घोषित किया गया था। जेलेंस्की ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी ‘खेरसन पीपुल्स रिपब्लिक’ नहीं बनने वाला है। यदि कोई नया विलय चाहता है, तो यह केवल रूस पर नए असरदार प्रतिबंध का कारण बन सकता है। बता दें कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद खेरसॉन रूसी सेना के लिए पहला बड़ा शहर था। उत्तर में रूसी सेना जापोरिज्जिया शहर के आसपास के एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा किए हुए है जो कि यूक्रेन के नियंत्रण में है।