कीव । यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की आशंका की वजह से ही रूस ने उस पर हमला बोल दिया है। अब स्वीडन में भी अधिकांश लोगों ने नाटो से जुड़ने की बात कही है। स्वीडन के 51 फीसदी लोगों का मानना है कि नाटो के साथ जुड़ने में ही उनका भला है। अधिकांश लोग मानते हैं कि नाटो के साथ जुड़ ही उनके देश की सुरक्षा मजबूत हो सकेगी।
स्वीडन अब तक तटस्थ देश के तौर पर अपनी भूमिका अदा करता रहा है, लेकिन उसके ज्यादातर नागरिकों की राय चौंकाने वाली है। पोलिंग इंस्टिट्यूट नोवस के सर्वे में 51 फीसदी लोगों ने नाटो के साथ जाने पर सहमति जताई है, जबकि बीते सप्ताह यह आंकड़ा 45 फीसदी ही था। कहा जा रहा है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से स्वीडन के लोगों में यह भावना बढ़ी है कि उन्हें नाटो का हिस्सा बन जाना चाहिए ताकि उनके देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
बड़ी बात यह है कि स्वीडन के अलावा फिनलैंड भी नाटो का हिस्सा बनने पर विचार कर रहा है। जून में उसकी ओर से इसका प्रस्ताव नाटो को सौंपा जा सकता है। बीते सप्ताह फिनलैंड के पीएम ने स्वीडन का दौरा किया था और प्रधानमंत्री मागडालेना एंडरसन से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच नाटो का हिस्सा बनने को लेकर बात हुई थी।
सर्वे एजेंसी नोवस के प्रमुख तोरबोर्न जॉस्ट्रॉम ने कहा स्वीडन के ज्यादातर लोग मानते हैं कि उनके देश को फिनलैंड के साथ ही नाटो का हिस्सा बन जाना चाहिए। सुरक्षा की चिंताओं को लेकर लोगों के अंदर यह भावना पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि जब लोगों से पूछा गया कि फिनलैंड यदि नाटो का हिस्सा बनता है तो फिर स्वीडन को क्या करना चाहिए। इस पर 64 फीसदी लोगों ने कहा कि ऐसी स्थिति में स्वीडन को नाटो का हिस्सा बन जाना चाहिए। गौरतलब है कि रूस यूक्रेन से लगातार यही मांग करता रहा है कि वह नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा।