गुरुनानक ने न तो कलमा पढ़ा था, न ही इस्‍लाम को कुबूला, तो वे अच्छे इंसान नहीं हो सकते: पाकिस्‍तानी मौलवी

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मौलाना के जहरीले बोल पाकिस्‍तानी मौलवी के जहरीले बोल की क्लिप ट्विटर पर हो रही वायरल
इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान के एक मौलवी की क्लिप इस समय ट्विटर पर वायरल हो रही है। यह मौलवी इस क्लिप में सिखों के गुरु नानक के बारे में बातें कह रहे हैं। क्लिप में मौलवी गुरु नानक और इस्‍लाम के बारे में कई बातें कह रहे हैं। मौलवी के इस वीडियो क्लिप को कई लोग खालिस्‍तानियों के समर्थकों के मुंह पर तमाचे की तरह करार दे रहे हैं। मौलवी की मानें तो गुरुनानक अच्‍छे इंसान नहीं हो सकते हैं, क्‍योंकि उन्‍होंने न तो कलमा पढ़ा था और न ही इस्‍लाम को कुबूल किया था।

यह मौलवी इस क्लिप में कह रहे हैं, कुछ लोग मुझे कहते हैं कि गुरुनानक, बाबा फरीद से बहुत प्‍यार करते थे। मैं उनसे कहता हूं कि अगर वह बाबा फरीद से इतना प्‍यार करते थे तो फिर कलमा क्‍यों नहीं पढ़ा। एक ही दलील देते हैं कि गुरुनानक, बाबा फरीद से बड़ा प्‍यार करने से कोई मुसलमान नहीं हो जाता। सच्‍चा मुसलमान वही है जो कलमा पढ़े।

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शेख फरीद पंजाबी भाषा के पहले तो गुरु नानक दूसरे नंबर के थे कवि
गुरुनानक देव का पाकिस्‍तान से काफी गहरा नाता रहा है। उनका जन्‍म नानकाना साहिब में हुआ था और यह जगह पाकिस्‍तान में है। वहीं उन्‍होंने सितंबर 1539 में पाकिस्‍तान के करतारपुर साहिब में समाधि ली थी। यहीं पर अब करतारपुरसाहिब गुरुद्ववारा है जहां पर हर साल भारी संख्‍या में भारत से भी श्रद्धालु जाते हैं। जिन बाबा फरीद का इस क्लिप में जिक्र है उनका गुरुनानक देव पर काफी गहरा प्रभाव बताया जाता है।

कहा जाता है कि गुरुनानक ने कई ऐसे प्रतीकों का प्रयोग किया था जो बाबा फरीद से भी जुड़े थे। पंजाबी साहित्‍य के मुताबिक गुरु नानक को दूसरा कवि माना जाता है। कहते हैं कि गुरु नानक की कविताओं से बाबा फरीद को गुरुग्रंथ साहिब को समझने में मदद मिली थी। बाबा फरीद का असली नाम शेख फरीद था और उन्‍हें पंजाबी भाषा का पहला कवि माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनका जन्‍म मुल्‍तान के करीब कोठेवाल में हुआ था।

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