-अमेरिकी वैज्ञानिक ने किया यह दावा
वॉशिंगटन । वैज्ञानिक का कहना है कि उसे अंतरिक्ष में फैली रंग-बिरंगी गैसों और धूल के गुबार में ‘गॉडज़िला’ नजर आया। पृथ्वी पर बादलों की तरह अंतरिक्ष के बादलों में अक्सर आकृतियां नजर आती हैं। गॉडज़िला नेब्यूला इसका प्रमुख उदाहरण है, जो आकार में अंतरिक्ष की छिपकली जैसा दिखता है। कैलटेक खगोलशास्त्री रॉबर्ट हर्ट नासा के स्पिट्जर स्पेस टेलिस्कोप से तस्वीरें खींचते हैं। वह अक्सर अपने टेलिस्कोप का इस्तेमाल करके इस तरह की आकृतियों का अनुभव करते रहते हैं।
उन्होंने बताया, ‘मैं किसी मॉन्स्टर की तलाश में नहीं था। मैंने अचानक ही आसमान के एक ऐसे क्षेत्र पर नजर डाली जिसे मैं पहले भी कई बार देख चुका था। लेकिन मैंने कभी इसे जूम करके नहीं देखा था।’ हर्ट ने कहा कि कभी-कभी अगर आप किसी क्षेत्र को ध्यान से देखते हैं तो कुछ ऐसा नजर आता है जो आपने पहले कभी नहीं देखा था। आंख और मुंह जैसी आकृति देखकर ही मैंने गॉडज़िला की कल्पना की। नेब्यूला को अब स्पिट्जर के आर्टिस्ट्रोनॉमी वेब ऐप में शामिल किया गया है, जहां यूजर्स टेलिस्कोप से नेब्यूला फोटो पर अपनी काल्पनिक आकृतियों को देख सकते हैं। स्पिट्जर को जनवरी 2020 में रिटायर किया गया था लेकिन 17 साल में इस टेलिस्कोप ने वैज्ञानिकों को बहुत सारे डेटा हासिल करने में मदद की है।
नेब्यूला दो सितारों के बीच मौजूद अंतरिक्ष की जगह में मौजूद होते हैं। धरती के सबसे करीब मौजूद नेब्यूला में एक मरते हुए सितारे की झलक दिखती है। इसे हेलीक्स नेबुला कहते हैं। यह धरती से 700 प्रकाशवर्ष दूर है। बता दें कि अंतरिक्ष में फैली रंग-बिरंगी गैसों और धूल के गुबार में अक्सर लोगों को काल्पनिक तस्वीरें दिखती हैं। हरे रंग के बादल में किसी को मेंढक दिख सकता है तो किसी को मगरमच्छ।