Thursday, June 8, 2023

(गोरखपुर) गोरखनाथ मंदिर में धीमी हुई लाउडस्पीकर की आवाज

  • योगी के ट्वीट के बाद मंदिर प्रशासन ने खुद उठाया कदम
    गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना अनुमति के धार्मिक जुलूस नहीं निकालने और धर्मस्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर नहीं बजाने के निर्देश जारी ‎किए थे। देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहार के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के को देखते हुए योगी के इस आदेश पर गोरखनाथ मंदिर में नायाब उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। मंदिर परिसर में लगे लाउडस्पीकर की आवाज भी धीमी कर दी गई है।
  • गोरखपुर में नाथ संप्रदाय के सिद्धपीठ गोरक्षनाथ मंदिर परिसर, श्रीमानसरोवर मंदिर परिसर एवं श्री मंगला देवी मंदिर परिसर के लाउडस्पीकर की आवाज भी कम कर दी गई है। अब मंदिर परिसर के बाहर आवाज नहीं जाएंगी। गुरुवार से ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। मंदिर के मीडिया प्रभारी ने इस बात की पुष्टि की है। इसी तरह मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि से भी लाउडस्पीकर को हटा लिया गया है। सीएम योगी ने कहा था कि सभी लोगों को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। सीएम ने ट्वीट कर स्पष्ट कहा था कि कोई शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस बिना पूर्व अनुमति के नहीं निकाला जाए।
  • साथ ही उन्हीं जुलूसों की अनुमति दी जाए, जो पारंपरिक हों। शांति सौहार्द्र कायम रखने के संबंध में भी शपथ पत्र लिया जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद गोरखनाथ पीठ के महंत हैं। मुख्य मंदिर परिसर में लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने के साथ ही उन्हें सड़क, बाजार और सार्वजनिक स्थलों से भी हटा लिया गया है। मध्य प्रदेश के खरगोन, दिल्ली के जहांगीरपुरी सहित अन्य कुछ जगहों पर हुए विवाद के बाद से सरकार और प्रशासन की तरफ से कड़े फैसले लिए जा रहे हैं।

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"डंके की चोट " पर मै खरी दुनिया हू मै खरी दुनिया हू.... मै भ्रष्टाचारियों के बीच अकेला, लेकिन खरी दुनिया हू, मै हर हाल मे उन खबरो को, लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हू, जो अधिकांश बिकाऊ और बिकी मीडिया से, अपने "आका" के इशारे पर छुपा दी जाती हैं। मै इस लिए खरी दुनिया हू, क्योकि हमारी सरकार यानि "भारतीय जनता पार्टी " भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर "जीरो टालरेंस " क़ी हिमायती हैं। मै भाजपा की इस नीति का पालन करने और कराने के लिए "डंके की चोट" पर कफ़न "सर" पर लिए खुद को नियमबद्ध रखते हुए हाजिर हू....मै खरी दुनिया हू.... भ्रष्टाचारीयो मे अफसर हो, या गाव का प्रधान, मै पदीय अधिकारों क़ी आड़ मे क़ी गई उनकी अनियमित्ता के साक्ष्य को खोजने का काम करता हू , .....क्योकि मै खरी दुनिया हू।
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