नई दिल्ली। सेमीकंडक्टर (चिप) की कमी से सितंबर तिमाही में कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई।कंपनी ने बताया कि चिप संकट अभी टला नहीं है।मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि नवंबर महीने में भी प्रोडक्शन पर चिप संकट का असर दिखने वाला है।सेमीकंडक्टर की कमी के कारण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति में बाधा के चलते नवंबर में हरियाणा में उसके दो प्लांटों और गुजरात स्थित मूल संयंत्र में उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया कि फिलहाल अनुमान के अनुसार अगले महीने हरियाणा में दोनों इकाइयों में कुल वाहन उत्पाद की मात्रा सामान्य का लगभग 85 फीसदी तक रह सकती है।कंपनी ने कहा,’सेमीकंडक्टर संकट के कारण इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की आपूर्ति प्रभावित हुई है।इसकारण नवंबर महीने में हरियाणा के संयंत्रों के अलावा उसकी ठेका पर विनिर्माण करने वाली कंपनी सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (एसएमजी) दोनों में वाहन उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। हरियाणा में गुड़गांव और मानेसर प्लांट में कंपनी की उत्पादन क्षमता लगभग 15 लाख इकाई सालाना की है।
वहीं मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि 30 सितंबर 2021 को समाप्त दूसरी तिमाही के दौरान उसका शुद्ध लाभ 65 फीसद घटकर 475.3 करोड़ रुपये रह गया। मारुति सुजुकी के अनुसार चिप की कमी के साथ-साथ जिंस लागत बढ़ने से भी मुनाफा प्रभावित हुआ।मारुति सुजुकी को पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1,420 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो इस बार गिरकर 475.3 करोड़ रुपये रह गया।मारुति सुजुकी की वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में आय 20,551 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 18,756 करोड़ रुपये थी. साल-दर-दर के आधार पर कंपनी की आय में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।दूसरी तिमाही में कुल वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है।सितंबर तिमाही में मारुति की बिक्री तीन फीसदी घटकर कुल 3,79,541 यूनिट्स रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3,93,130 यूनिट्स थी।