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छग विधान सभा :शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा,प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी

रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ ।सदन में मंगलवार को देशी-अंग्रेज़ी शराब की आपूर्ति, ओवर रेट और अवैध विक्रय का मामला उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया कि क्या मामले में प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज होगी? इस पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी.अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

रायपुर: विधायक राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब खरीद पर सवाल पूछा। मूणत ने पूछा- क्या शराब खरीद पर सरकार की कोई नीति है।किस नीति के आधार पर सरकार पार्टियों से शराब खरीदती है।राजेश मूणत के सवाल पर लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब नीति के तहत सरकार शराब खरीदती है। साथ ही मांग और बिक्री के अनुसार शराब दुकानों के लिए शराब खरीदी जाती है।

मूणत ने फिर सवाल किया कि नीति क्या है, क्या टेंडर आमंत्रित किया जाता है। कोटेशन आमंत्रित किया जाता है ? राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर पर की जाती है? कौन शराब की सप्लाई कर सकता है, इसका टर्न ओवर क्या है।इस पर मंत्री ने कहा- “रेट ऑफर और टेंडर के माध्यम से शराब की खरीद होती है।

राजेश मूणत ने पूछा कि 2019 से 23 तक छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ तीन कंपनी ही सप्लाई करती रही। देशी और विदेशी शराब में कितनी कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया। श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- राज्य में देशी शराब के तीन ही उत्पादक हैं। इसलिए तीन टेंडर ही आए। राजेश मूणत ने कहा- 2018-19 में 37, 2019-20 में 67 और इसके बाद 21 फ़र्मों ने टेंडर में भाग लिया था।साल 21- 22 में सिर्फ 14 विदेशी फर्मों का आवेदन आया, इसके बाद संख्या कम हो गई। मूणत ने मंत्री को टोकते हुए कहा कि “क्या ये नियम है कि राज्य के लोग ही टेंडर में भागीदारी होंगे ? क्या ऐसा नियम है कि राज्य की डिस्टलरी ही सप्लाई देगी। इसका जवाब दीजिए। इस पर रमन सिंह ने बीच में टोका और कहा कि आपको ना देसी से मतलब है ना विदेशी से। इस पर मूणत ने कहा कि हमें किसी से मतलब नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि फिर क्यों सवाल कर रहे हैं।मंत्री ने जवाब दिया कि यह नियम 2013 से है कि सिर्फ प्रदेश के डिस्टलरी वाले ही देसी शराब की सप्लाई करेंगे।मूणत ने फिर सवाल पूछा- “जो तीन शराब सप्लायर है उनके जिले बांटे गए.? मेरा यह सवाल इसलिए है कि सिंडिकेट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश को शराब माफियाओं ने लूटने का काम किया है।इस पर मंत्री ने जवाब दिया- “जिले को 8 जोन में बांटकर सप्लाई की जाती थी।. उसके आधार पर तीन दुकान होने के वजह से उन्हें ही बांटा गया।

मूणत ने आगे पूछा- “क्या 5 साल तक एक व्यक्ति एक ही जिले में शराब की सप्लाई करेगा.? क्या ऐजेंसी ने किसे शराब की सप्लाई की. कहां-कहां की।मंत्री ने बताया कि टेंडर के अनुसार 8 जोन में शराब बांटा गया।

राजेश मूणत ने कहा कि शराब दुकान पर फर्जी प्रकरण बनाए। साल 2019 में चार प्रकरण दर्ज कराए। एक आदमी जेल गया। 19-20 में 8 प्रकरण बने।. एक आदमी जेल गया।. दुकानों में दो तरह की शराब बिक रही है। एक बिना होलोग्राम की डुप्लीकेट और एक सरकारी। जो डुप्लीकेट के प्रकरण दर्ज किए गए उसमें एक को भी सजा नहीं हुई।. सरकारी दुकान में प्लेटमेंट एजेंसी वहां पर अपने कर्मचारियों के माध्यम से शराब बेचती है। इस पर प्रकरण तो दर्ज हुए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

राजेश मूणत के सवाल पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा किअवैध शराब, मिलावटी और बिक्री पर विधिवत कार्यवाही हुई है। दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई है, जेल भी भेजा गया है।

राजेश मूणत ने बीच में टोकते हुए कहा कि “सरकारी दुकानों में कोई बाहर से आकर शराब बेच दें इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। प्रदेश में 568 दुकानों में रेत से ज्यादा कीमत पर शराब बेची गई।सरकार की दुकान में डाका डालकर चली जाए और सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठे रहे, ये छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य की बात है।सरकार को राजस्व की बड़ी हानि हुई है। ये मुख्यमंत्री का विभाग है क्या इस पर मंत्री जी जांच कराएंगे।इस पर मंत्री जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि- “2019-20 में 500 केस बनाए गए।जिसमें प्लेसमेंट एजेंसी के 574 लोगों को सेवा से पृथक किए गए।मूणत ने कहा कि ऐसी प्लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। छत्तीसगढ़ को जिन लोगों ने लूटा, इस पर क्या कार्रवाई करेंगे।मंत्री ने कहा- इस पर ईडी जांच कर रही है।इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने सवाल उठाए कि- पक्ष को ईडी की जांच पर भरोसा नहीं है।राजेश मूणत ने फिर सवाल किया- क्या प्लेसमेंट एजेंसी पर कार्रवाई करेंगे।

मंत्री ने जवाब दिया कि- इस पर पहले ही काफी कार्रवाई की गई है। सेल्स मैन, चीफ सेल्स मैन, मल्टी पर्पस वर्कर और 30 से ज्यादा विभागीय अधिकारियों पर एसबी ने एफआईआर दर्ज की है, कोई नहीं बचेगा. आखिर में मंत्री ने कहा- प्लेसमेंट एजेंसी ने अपने नीचे के कर्मचारियों को बचाने की कोशिश नहीं की है.

मंत्री के इस जवाब पर धरमलाल कौशिक ने मंत्री पर प्लेसमेंट एजेंसी को बचाने का आरोप लगाया. जिसके बाद सदन में एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया। लगभग 5 मिनट तक सदन में हंगामा होता रहा। जिसके बाद मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी।अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

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