मुम्बई । बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें गीतकार जावेद अख्तर की शिकायत पर उनके खिलाफ शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने का आग्रह किया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि कार्यवाही शुरू करने के अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश में कोई प्रक्रियात्मक अवैधता या अनियमितता नहीं है।
रनौत ने अपने वकील रिजवान सिद्दिकी के मार्फत मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि उपनगर अंधेरी की मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले में स्वतंत्र रूप से शिकायतकर्ता (अख्तर) या गवाहों की जांच नहीं की तथा पूरी तरह जुहू पुलिस द्वारा दायर रिपोर्ट पर निर्भर रही। वकील सिद्दिकी ने तर्क दिया कि अख्तर की शिकायत पर पुलिस की जांच ÞएकतरफाÞ थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने अवैध रूप से गवाहों से हस्ताक्षरित बयान लिए।
अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने पीठ से कहा कि मजिस्ट्रेट ने अख्तर की शिकायत और साक्षात्कार के अंश पर गौर करने के बाद पुलिस जांच का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि उस साक्षात्कार के दौरान रनौत ने कथित मानहानिकारक टिप्पणियां की थीं। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अंधेरी अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया था और मजिस्ट्रेट ने व्यक्तिगत रूप से अख्तर की जांच की और विस्तृत शिकायत पर गौर किया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जहां तक आदेश जारी करने की प्रक्रिया का संबंध है, यह सिर्फ पुलिस रिपोर्ट पर आधारित नहीं है, बल्कि शिकायतकर्ता के बयान, सीडी व पेन-ड्राइव, पुलिस रिपोर्ट तथा रिकॉर्ड के अन्य दस्तावेजों का संयुक्त विश्लेषण है। अदालत ने कहा कि पुलिस द्वारा गवाहों से लिए गए हस्ताक्षरित बयान अवैध नहीं थे और उनकी विश्वसनीयता की बाद में मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जांच की जा सकती है।