लखनऊ। उत्तर प्रदेश आज डाटा सेंटर का हब बनने जा रहा है। यहां पर तीन डाटा सेंटर स्थापित हो चुके हैं, जबकि आठ नए डाटा सेंटर बन रहे हैं। पहले जहां प्रदेश में इस प्रकार की संभावनाएं नहीं थीं, वहीं आज उप्र हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। आप सभी ने इसे बखूबी देखा भी होगा।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के दूसरे दिन मंगलवार को आयोजित डेस्टिनेशन यूपी-इमर्जिंग हब फॉर एआई इन इंडिया कॉन्क्लेव में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इंस्टीट्यूशन ने स्केल को स्किल में बदलने में अच्छा काम किया है, लेकिन इस स्किल को स्पीड भी चाहिए। इसके लिए हमें डिजिटाइजेशन को अपनाना ही होगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत बड़ी मदद कर सकता है। इसका यूज हम केवल एक फील्ड में ही नहीं बल्कि अलग-अलग फील्ड जैसे एग्रीकल्चर, मेडिकल और एजुकेशन में कर सकते हैं। यह उपयोग करने वाले पर निर्भर करता है कि वह किस रूप में इसका उपयोग करता है।
उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ को एआई सिटी का प्रमुख केंद्र बनाने पर सरकार काम कर रही है। इसमें आईआईएम लखनऊ के युवा भागीदार बन रहे हैं। वहीं गौतमबुद्धनगर विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में एआई का केंद्र बनाने की दिशा में काम प्रारंभ कर दिया गया है। इसके जरिये प्रदेश के लाखों नौजवानों को उनके घर और जनपद में नौकरी दे सकते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉन्क्लेव में आईलेट्स की मदद से डेस्टिनेशन यूपी अपॉर्च्युनिटीज एआई बुक की लॉन्चिंग की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी की मौजूदगी में तीन एमओयू का आदान प्रदान किया गया। इसमें माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन के अभिषेक बोस, एचसीएल साफ्टवेयर के ध्रुव कोहली ने एआई सेंटर स्थापित करने और वाधवानी एआई के शेखर ने सरकार से एमओयू का आदान प्रदान किया।
पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का सबसे सुंदर मॉडल आज उप्र में
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि युवा साथियों ने कल नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर देखी है। आज जब भारत हर क्षेत्र में बुलंदियों की नई ऊंचाइयों को छू रहा है तो उन स्थितियों में उत्तर प्रदेश खुद को पीछे नहीं रख सकता है। ऐसे में 25 करोड़ आबादी की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें भी सर्वांगीण विकास के दौर में आगे बढ़ना पड़ेगा। इसके लिए पूरे देश में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने और देश के विकास के ग्रोथ इंजन में अपनी भूमिका का निर्वहन करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसकी एक छोटी सी झलक आप सभी को चतुर्थ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में देखने को मिली होगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिये 61 हजार करोड़ रुपये के निवेश को धरातल पर उतारा गया था। वहीं जीबीसी 4.0 में दस लाख 24 हजार करोड़ की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। यह 35 लाख से अधिक युवाओं को सीधे-सीधे नौकरी के साथ जोड़ने का एक अभियान है।
योगी ने कहा कि आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस फील्ड में अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान समय में यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसको सरकार ने बखूबी समझा है और इसे ध्यान में रखते हुए वर्ष 2022 में एक पॉलिसी भी प्रदेश में लॉन्च की गई थी। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके कितना बड़ा कार्य हो सकता है, इसे प्रदेशवासियों ने पिछले 7 वर्षों में देखा है। इसके जरिये सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। प्रदेश में 2016-17 तक लोग भूख से मर रहे थे। यहां पर भुखमरी से मौत होती थी जबकि आज पूरे देश में उत्तर प्रदेश में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का सबसे सुंदर मॉडल खड़ा हो चुका है। ई पॉस मशीन के जरिये एक जगह एक स्क्रीन से देश की सभी 80 हजार फेयर प्राइस शॉप की मॉनिटरिंग से हर लाभार्थी को उसके अनुसार खाद्यान्न मिलने की जानकारी प्राप्त की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में एक-एक निवेश पूरी तरह से सुरक्षित
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि टेक्नोलॉजी के जरिये डीबीटी से हर व्यक्ति को योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश के युवाओं को डिजिटल सक्षम बनाने के लिए स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत दो करोड़ युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित करने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं अब तक 20 लाख से अधिक युवाओं को सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। उत्तर प्रदेश आने वाले समय में टेक्नोलॉजी का प्रमुख हब बनकर उभरेगा।
योगी ने कहा कि 7 वर्ष पहले प्रदेश में कोई निवेश नहीं करता था जबकि आज उत्तर प्रदेश देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के केंद्र के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री ने विभिन्न इंडस्ट्री से आए मेहमानों को आश्वस्त किया कि उप्र में एक-एक निवेश पूरी तरह से सुरक्षित होगा। सरकार हर तरह की अपनी प्रतिबद्धताओं को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाएगी। उन्होंने मेहमानों से लखनऊ में एयरपोर्ट के पास एआई सिटी और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा को एआई केंद्र स्थापित करने और गौतमबुद्धनगर में भी केंद्र स्थापित करने की दिशा में भरपूर सहयोग देने की अपेक्षा की।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री योगेंद्र कुमार उपाध्याय, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, डेनियल नाइफ हेड ऑफ इनोवेशन एंड इंटरप्रोन्योरशिप ईटीएच एआई जुरीक, नवीन सभरवाल चीफ आर्किटेक एआई एंड हेड-सेंट्रल इंजीनियरिंग एचसीएल साफ्टवेयर, हिमानी अग्रवाल कंट्री हेड एजयोर माइक्रोसाफ्ट आदि मौजूद रहे।