–छात्रों को ए4 साईज के सादे कागज पर रिपोर्ट कार्ड देने का वहां के अभिभावकों के द्वारा किए जा रहे विरोध का कवर कर रही महिला रिपोर्टर के साथ विद्यालय प्रबंधन ने छेडछाड के साथ किए अन्य अपराध
–विद्यालय प्रबंधन से ‘‘डील’’ पश्चात पुलिस ने विद्यालय प्रबंधन की ओर से दर्ज किए महिला रिपोर्टर के खिलाफ मुकदमें में आरोपों की लगाई झड़ी तो रिपोर्टर की तरफ से दर्ज मुकदमें के आरोपों को विना जांचे , किया खारिज
–विद्यालय प्रबंधन और वहां पर पहले से मौजूद अभिभावकों के बीच हो रही तकरार आदि की वीडियों का मामले के विवेचक ने जानबूझकर नही लिया ंसंज्ञान
ब्रह्मा नन्द पांडेय
मऊ/ झांसी (खरी दुनिया)। झांसी में एक आसीएससी बोर्ड के एक विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों को ए4 साईज के पेपर पर रिपोर्ट कार्ड देने पर अभिभावकों के द्वारा विरोध किए जाने की खबर को कवर रही महिला के साथ वहां के प्रबंधतंत्र के द्वारा उसे बंधक बनाने, मोबाईल छिनने के प्रयास में जानबूझकर उसके साथ छेड़छांड करने के अपराध पर पुलिस ने विद्यालय प्रबंधन से पदीय अधिकारों को दुरुपयोग किए जाने की खबर है। पुलिस ने पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते महिला रिपोर्टर की प्राथमिकी दर्ज करने की जगह विद्यालय की तरफ से प्राथमिकी दर्ज की और फिर रिपोर्टर की तरफ से दर्ज प्राथमिकी की विवेचना में उसके आरोपों को झूठा साबित कर उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 182 की कार्यवाही की अनुशंसा करते हुए उसके उपर विद्यालय प्रबंधन से मिलकर पदीय अधिकारों के दुरुपयोग में आरोपों की झड़ी लगाने का काम किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते 25 मार्च को झांसी के आरएलपीएस स्कूल में वतौर अभिभावक पहुची खरी बात न्यूज की संवाददाता साक्षी राय ने वहां के विद्यालय प्रबंधन के द्वारा बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को ए4 साईज के सादे पन्ने पर दिए जाने को लेकर वहां पर पहले से मौजूद अभिभावकों के द्वारा प्रबंधन से किए जा रहे विरोध को अपने कैमरे में कैद करने का किया जा रहा था।
इसी बीच साक्षी राय को वहां के पबंधन ने उन्हे जबरदस्ती एक कमरे में बंधक बनाकर पहले उनके द्वारा बनाई गई वीडीओं को उनके मोबाईल से मिटाने के प्रयास में उनके साथ छेडछाड की गई। विद्यालय प्रबंधन की इस करतूत को लेकर साक्षी ने जब वहां के एसपी को उनके मोबाइल नंबर पर आपबीति घटना की जानकारी दी तो वहां पर एसपी के आदेष पर पहुचे दारोगा ने भी वीडीओ बनाया लेकिन विद्यालय प्रबंधन के विरोध के कारण दारोगा ने विडीओं को सार्वजनिक नही किया। इसके बाद दारोगा ने विद्यालय प्रबंधन से ‘‘डील’’ कर मामले में रिपोर्टर साक्षी राय के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए। जबकि साक्षी के साथ वहां पर विद्यलय प्रबंधन ने कई अपराध कारित किया।
किसी तरह से मामले में साक्षी की भी एफआईआर दर्ज की गई लेकिन चार घंटे के अंदर दारोगा में साक्षी के आरोपों को एक सीरे से खारिज करते हुए उसको स्पंज कर दिया और विद्यालय प्रबंधन की तरफ से साक्षी के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले में आरोपों की झडी लगा दी। विद्यालय प्रबंधन के द्वारा कारित अपराधों की वीडीओं की मौजूदगी में पुलिस ने साक्षी के साथ हुए अपराध को किस आधार पर स्पंज किया? यह एक बड़ा सवाल पुलिस महकमे के लिए सार्वजनिक हो रहा है लेकिन एसपी झांसी की की मौन साधना टूटने का नाम नही ले रही है।
बहरहाल मामले में विवेचक के द्वारा पदीय अधिकारों का जिस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है उससे लगता है कि विद्यालय प्रबंधन से महकमें के आला अफसर भी लिफाफे का खेल खेल रहे है। उधर साक्षी ने पुलिस के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे की जा रही मनमान में स्वयं के उत्पीड़न को लेकर मुख्यमंत्री से लगायत आला अधिकारियों से गुहार लगाए जाने के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नही होने से खुद को परेसानी में होने की बात कही है।