नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में भारतीय एनएसए प्रमुख अजित डोभाल की अगुवाई में 24 अप्रैल से 2 दिनों की खुफिया सभा शुरू हुई है। 25 अप्रैल तक चलने वाली इस बैठक में दुनिया भर के ताकतवर मुल्कों की खुफिया एजेंसी के चीफ दिल्ली में मौजूद हैं। इस बैठक में वैश्विक और खासकर चीन की चुनौतियों पर चर्चा हो रही है। आतंकियों की किलिंग मशीन और शत्रुओं के लिए सबसे बड़े काल के रूप में विख्यात मोसाद के बॉस दिल्ली में है।
दिल्ली में हो रही इस बैठक में सिर्फ इजरायली खुफिया एजेंसी के चीफ ही मौजूद नहीं है बल्कि फ्रांस की खुफिया एजेंसी के बॉस, जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, जापान से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक के 40 देशों की जासूसी एजेंसी के प्रमुख खुफिया सभा में मंथन कर रहे हैं।
2 दिनों के इस बैठक में 25 देशों की खुफिया एजेंसी के सर्वेसर्वा मौजूद है। जबकि बाकी 15 देशों की खुफिया एजेंसी के अन्य प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे हैं। जासूसी एजेंसियों के प्रतिनिधि अपने भारतीय समकक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत करेंगे। जाहिर है इस बैठक का मतलब अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी में भारत के महत्व का संकेत है।
वैश्विक परिवार के लिए दिल्ली में चल रही इस बैठक की अगुवाई अजीत डोभाल कर रहे हैं। इस बैठक का फोकस चीन बताया जा रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक खुफिया सभा की बैठक में साझा झंडे पर चीन शामिल है जिसने दुनिया के कई सुरक्षा समस्याएं पैदा की है। चीन ने दुनिया के सामाजिक आर्थिक क्षेत्र के लिए खतरा पैदा किया है।