फरार आरोपितों के पकड़े जाने के बाद नेटवर्क से जुड़े लोगों का खुलेगा नाम
दो दिन पहले पुलिस को लखनऊ में मिली फरार आरोपी की लोकेशन
गोरखपुर। व्यापारी के 50 लाख रुपये हड़पने के मामले में जेल गए दारोगा आलोक सिंह से उसके भाई ने मुलाकात की। चर्चा है कि उसे जेल से जल्द बाहर निकालने के लिए उसके शुभचिंतकों ने कवायद तेज कर दी है।
फरार चल रहे आरोपित भी मामला रफा-दफा कराने की कोशिश में जुटे हैं। हवाला नेटवर्क से मामला जुड़ने की चर्चा तेज होने के बाद एक आरोपित ने अपने सहयोगियों के साथ लखनऊ में डेरा डाल दिया है। दो दिन पहले पुलिस को उसकी उसकी लोकेशन लखनऊ में मिली थी। आयकर विभाग की जांच भी अभी आगे नहीं बढ़ी है। सहायक आयुक्त की टीम ने व्यापारी को फोन कर रामनवमी के बाद बयान देने के लिए बुलाया है।
कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना सीओ कोतवाली को मिली है। पुलिस की जांच व विवेचना में जेल गए दारोगा आलोक सिंह उसके सहयोगी प्रिंस के अलावा राजेंद्रनगर के रहने वाले तीन युवकों का नाम सामने आया है।
घर तस्दीक होने के बाद पुलिस की टीम जब पहुंची तो पता चला कि वह घटना के बाद से ही फरार हैं। मोबाइल फोन भी बंद कर रखा है। उनके पकड़े जाने पर हवाला कारोबार के साथ ही गोरखपुर में तैनात रहे इंस्पेक्टर की भूमिका सामने आ सकती है।
व्यापारी के हड़पे गए 50 लाख रुपये में 44 लाख को पुलिस बरामद कर चुकी है। शेष छह लाख रुपये फरार चल रहे आरोपिताें के पास होने की बात कही जा रही है। अब तक की जांच और आरोपितों के बयान में इंस्पेक्टर के फोन करने की पुष्टि हो चुकी है लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
उधर आयकर विभाग के अधिकारियों ने फोन पर नवीन से बात की। तीन दिन का समय देते हुए रामनवमी के बाद बयान दर्ज कराने को कहा है। सहायक आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि व्यापारी का दो-दिन बाद पुन: पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि तीन अप्रैल को कोतवाली थाने की बेनीगंज पुलिस चौकी के प्रभारी रहे दारोगा आलोक सिंह ने दवा व्यापारी नवीन श्रीवास्तव के 50 लाख रुपये पकड़ लिए। आरोप है कि वह अपने भाई गगन व भांजे के साथ रुपये लेकर घर जा रहा था। जेल भेजने की धमकी देकर दारोगा ने रुपये अपने पास रख लिए। तीन दिन बाद अधिकारियों तक बात पहुंची तो व्यापारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दारोगा आलोक सिंह व उसके सहयोगी प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना में शामिल हवाला नेटवर्क से जुड़े तीन लोगों को भी आरोपित बनाया गया है जो नाम सामने आने के बाद से ही फरार हैं।
नवीन श्रीवास्तव ने बताया है कि ये उनके कारोबार का पैसा है तो आखिर उनका क्या व्यापार है कि 50 लाख की कैश वसूली होती है। उनके महीने भर का टर्नओवर कितने का है। सवाल ये भी है कि यह वसूली एक दिन की है या कई दिनों से वसूल कर रखा था। जब वो पैसा लेकर जा रहे थे उस समय सुबह छह बज रहे थे तो फिर पैसा वसूली कर लौट रहे थे या फिर बैंक में जमा करने जा रहे थे। इतना पैसा सुबह-सुबह कहां मिलेगा और न ही छह बजे बैंक खुलते हैं। जब उनका खुद का पैसा था तो फिर पुलिस को सूचना देने में इतने दिन क्यों लग गए?
इस मामले में गोरखपुर के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि दरअसल हवाला के रुपये पकड़े जाने पर किसी ने शिकायत नहीं की, इसलिए कर्तव्य का पालन न करने पर बेनीगंज चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।