गाजीपुर मे छात्रा से रेप का मामला
आजमगढ़/ गाजीपुर ( ईएमएस ) । गाजीपुर के मरदह इलाके के एक बिद्यालय कि तेरह वर्षीय छात्रा के साथ दुराचार के मामले मे विवेचक ने आरोपी बीईओ को बचाने मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग किये जाने कि खबर है। बतौर विवेचक दारोगा ने आरोपी से माला पहन मोटे लिफाफे लिए है। हलाकि आइओ की इस करतूत मे एजेंसी के पास केवल माला आरोपी से माला पहनने का हि साक्ष्य है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गाजीपुर के मरदह के बिद्यालय की एक छात्रा के साथ खंड शिक्षा अधिकारी के चालक द्वारा उसके दफ्तर के बगल स्थित एक कमरे मे दुराचार करने के मामले मे बतौर विवेचक दरोगा ने माम्ले के अनुस्न्धान् दौरान् आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नही की। सवाल उठता है क्यो ? बताते चले कि दर्ज मुकदमे मे आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी को नामजद रही और पीड़ित छात्रा ने अपने बयान मे भी आरोपी बी ई ओ की करतूत का खुलासा किया है, बावजूद इसके बतौर विवेचक दरोगा ने खंड शिक्षा अधिकारी को मामले मे आरोपित् नही किया , इस लिए क्योकि विवेचक ने मामले आरोपी बी ई ओ से अच्छा लिफाफा हि नही लिया सार्वजनिक स्थान पर माले के साथ सम्मान भी लिया। यह है विवेचक द्वारा पदीय अधिकारों का ईमानदारी निष्पक्षता और कर्तब्य के निर्वहन मे किया गया पदीय अधिकारों के दुरूपयोग की कहानी। हालांकि ये साहब तो अब मामले की विवेचना से हि अलग हो गये है लेकिन जिन साहब के द्वारा इन दिनों मामले की विवेचना की जा रही है ये साहब भी मामले के पहले विवेचक से कम नही निकले ये साहब भी आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी के बुलावे पर बगल मे खड़ा होकर सम्मान लेने से पीछे नही रहे। बहरहाल मामले की विवेचना इन दो विवेचको के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे वीईओ के खिलफ् मौजुद् तथ्यों को छुपाने के आरोप के प्रमाणक से ज्यादा नही है। दोनो विवेचको द्वारा आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी से लिए गये सम्मान का साक्ष्य सुरक्षित कर लिया गया है। पीड़िता की आईडी की सामाजिक सम्मान को देखते हुए प्रकाशित नही की जा रही है।