दो माह पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा पेपर लीक कांड का मास्टर माइंड, आखिरकार पकड़ में आया विश्नोई

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जयपुर। राजस्थान सरकार पेपर लीक मामले में भूपेन्द्र सारण बिश्नोई को पुलिस ने दो माह बाद गिरफ्तार कर लिया है। एसओजी और एटीएस की स्पेशल टीम ने गुरुवार शाम को बेंगलुरू एयरपोर्ट से भूपेन्द्र को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दिसंबर 2022 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के 24 दिसंबर को होने वाले सामान्य ज्ञान के पेपर लीक करने का खुलासा उदयपुर पुलिस ने किया था।

ऐसे में गिरफ्तारी के बाद भूपेन्द्र को उदयपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया। भूपेन्द्र की गिरफ्तारी में सीआईएसएफ की अहम भूमिका रही। सीआईएसएफ के आईजी जोस मोहन राजस्थान कैडर के आईपीएस हैं और वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ में तैनात हैं। 24 दिसंबर 2022 को उदयपुर पुलिस ने पेपर लीक प्रकरण का खुलासा किया था। लोक परिवहन सेवा की बस में बैठकर वरिष्ठ अध्यापक भर्ती की परीक्षा देने जा रहे 43 अभ्यर्थियों और तीन दलालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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बस में अभ्यर्थियों के एग्जाम का पेपर हल करवाया जा रहा था। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में दलालों ने बताया कि पेपर लीक के मास्टर माइंड सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण हैं। पूर्व में ये दोनों आरोपी जयपुर ही थे लेकिन जैसे ही पेपर लीक प्रकरण का भंडाफोड़ हुआ। उसी दौरान तीनों आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने जगह जगह छापेमारी की लेकिन ऐसी सूचनाएं आई कि आरोपी नेपाल के रास्ते विदेश भाग चुके हैं। विदेश भागने की सूचना अफवाह साबित हुई। आरोपी भूपेन्द्र राजस्थान के अलग अलग जिलों में फरारी काटता रहा।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने भूपेन्द्र सारण से पूछताछ की तो पता चला कि पेपर लीक प्रकरण में उसका नाम सामने आने के तुरंत बाद वह जयपुर से दिल्ली अपने दोस्त के पास चला गया था। कुछ दिन दिल्ली में ही छिपा रहा और बाद में निजी बस में बैठकर अहमदाबाद चला गया था। करीब 25 दिन अहमदाबाद में रहने के बाद वह जालोर चला गया था। आरोपी भूपेन्द्र जालोर जिले का ही रहने वाला है। कुछ दिन जालोर में छिपे रहने के बाद वह अपने दोस्तों के पास बीकानेर, बाड़मेर, अजमेर और जयपुर जिले के फागी में फरारी काटी थी।

इसके बाद वह फिर से अहमदाबाद चला गया। एसओजी की टीमें लगातार भूपेन्द्र के मुवमेंट पर नजर रख रही थी। पिछले सप्ताह उसके मूवमेंट के कुछ इनपुट मिले थे। एटीएस के एडिशनल एसपी हरिप्रसाद सोमानी और डिप्टी एसपी मनीष शर्मा को सूचना मिली कि भूपेन्द्र अहमदाबाद से बेंगलुरू पहुंचने वाला है।

इस सूचना के बाद पुलिस की स्पेशल टीमें बेंगलुरू पहुंच गई थी। करीब 6 दिन तक पुलिस इंतजार करती रही। गुरुवार 23 फरवरी की शाम को भूपेन्द्र बेंगलुरू पहुंचा तो पुलिस की टीम ने तत्काल उसे हिरासत में ले लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया। पेपर लीक मामले के आरोपी सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण पर पिछले दिनों 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। भूपेन्द्र सारण की गिरफ्तरी के बाद अब इसे शरण देने वाले पुलिस के निशाने पर हैं।

उदयपुर पुलिस भूपेन्द्र से जानकारी जुटा रही है कि फरारी के दौरान दो माह तक वह कहां-कहां छिपा रहा। दिल्ली, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर में जिन जिन दोस्तों और रिश्तेदारों के पास आरोपी ठहरा। अब उन सभी दोस्तों और रिश्तेदारों पर गिरफ्तारी की तलवारें लटक गई है। उदयपुर पुलिस जल्द ही शरण देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करेगी।

आरोपी भूपेन्द्र सारण ने पहली बार वर्ष 2011 में जीएनएम नर्सिंग भर्ती का पेपर आउट किया था। जयपुर के सोडाला स्थित एक परीक्षा केन्द्र से उसने पेपर खरीदा था और फिर कई अभ्यर्थियों को बेचा था। पेपर लीक प्रकरण का खुलासा होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और जेल भेजा था। कुछ ही दिनों बाद जमानत होने पर भूपेन्द्र जेल से छूट गया था।

मई 2022 में जयपुर में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। इस प्रकरण में भी भूपेन्द्र सारण का नाम सामने आया लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। दिसंबर 2022 में भूपेन्द्र ने अधिगम कोचिंग के संचालक सुरेश ढाका के साथ मिलकर वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कर दिया था जिसका खुलासा उदयपुर पुलिस ने किया था।

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