बांदा,। नगर पालिका परिषद में गृह स्वामियों से लाखों रुपए वसूलकर उन्हें 100-200 रुपए की फर्जी रसीद थमाई जा रही हैं। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब मर्दननाका निवासी एक व्यक्ति से दो किस्तों में एक लाख रुपए लेकर बाबू ने दो फर्जी रसीदें थमा दी। पीड़ित व्यक्ति ने सोमवार को इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है।
इस संबंध में मर्दन नाका के रहने वाले रज्जन खान पुत्र याकूब खां ने दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि मेरे दो मकान खुटला व छावनी में है। मैंने हाउस टैक्स के संबंध में नगर पालिका जाकर वहां तैनात क्लर्क गौरव पुत्र राघवेंद्र से संपर्क किया। उन्होंने बताया था कि तुम्हारे मकान का 19000 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। यह राशि जमा करने के बाद ही मकान का नामांतरण हो सकता है। दोनों मकानों का खर्च करीब एक लाख रुपए बताया था। जिससे मैंने अलग-अलग दो किस्तों में उन्हें एक लाख रुपए दे दिए। रसीद मांगने पर कई दिनों तक इधर-उधर टहलाते रहे। बाद में 325 और 110 रुपए की फर्जी रसीद दी, जब मैंने क्लर्क गौरव को दिए गए रुपए के संबंध में नगरपालिका में अभिलेखों में जांच कराई तो पता चला कि मुझसे ली गई धनराशि की एंट्री कहीं भी नहीं है।
इस बारे में पूछने पर उसने रसीद देने को कहा लेकिन कई दिन तक कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी रसीद नहीं दी। भुक्त भोगी रज्जन खान ने बताया कि उक्त बाबू मेरे ही तरह कई गृह स्वामियों को चूना लगा चुका है। इसी कारण वह दो बार निलंबित भी हो चुका है। बहाल होने के बाद फिर भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाता है। भुक्त भोगी गृह स्वामी ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर इस मामले की जांच कराते हुए दोषी बाबू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।