वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सिएटल स्थित एक निजी आवास पर डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए धन एकत्रित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जब वह निर्वाचित हुए तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोचा कि वह आसानी से उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को तोड़ने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा यह शुरुआत से ही उनके उद्देश्य का एक हिस्सा था और मैं जानता हूं कि मैं यह आठ साल से कह रहा हूं।
बाइडन ने कहा हालांकि विडंबना है कि उन्हें वही मिला जो वह नहीं चाहते थे। वह यूरोप पर प्रभाव जमाना चाहते थे, लेकिन हुआ उल्टा। इसके बजाय, फिनलैंड ने कहा कि वह नाटो में शामिल होना चाहता है और स्वीडन भी नाटो में शामिल होना चाहता है। उनके कदम से इनकी इच्छा के विपरीत परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इससे सब कुछ आसान हो जाता है, लेकिन मुद्दा यह है कि हमारे सामने ऐसी परिस्थिति है जिसमें यूक्रेनी लोग अविश्वसनीय रूप से बहादुर और प्रतिबद्ध हैं, न केवल प्रशिक्षित सेना बल्कि सड़कों पर उतरे लोग भी।
उन्होंने कहा वे पुतिन के इस सिद्धांत को झुठला रहे हैं कि चूंकि उनकी स्लाव पृष्ठभूमि है और उनमें से कई रूसी बोलते हैं, वहां उनका खुले दिल से स्वागत किया जाएगा, लेकिन ठीक इसके विपरीत हुआ है। नवंबर 2017 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के वास्ते लंबे समय से लंबित प्रस्ताव के तहत क्वाड को आकार दिया।