प्रयागराज। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या हुए 24 घंटे से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन हत्यारे अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उधर, कातिलों की तलाश में जुटी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दिन-रात एक कर दिया है। हमलावरों की तलाश में पुलिस और एसटीएफ की 10 टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
हत्यारों को पकड़ने के लिए प्रयागराज से बाहर जाने वाले रास्तों पर पुलिस विशेष चेकिंग अभियान चला रही है। इतना ही नहीं रात भर प्रयागराज में संदिग्धों के ठिकानों पर रेड की गई है। पुलिस दबाव के चलते हत्यारे प्रयागराज छोड़कर भागने न पाएं, इसलिए जिले की सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस को अंदेशा है कि उमेश पाल के शूटर अभी प्रयागराज में ही हो सकते हैं। वे शहर छोड़कर न भाग जाएं इसके लिए अन्य सभी स्थानों के अलावा एयरपोर्ट के पास भी पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान शुरू किया है।
बदमाशों की तलाश में राजधानी लखनऊ की एसटीएफ टीम ने भी प्रयागराज में डेरा डाल दिया है। एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की छानबीन में लगी है। इसके अलावा लखनऊ के 2 उप पुलिस अधीक्षकों को भी प्रयागराज में भेजा गया है। जांच में सामने आया है कि उमेश पाल की हत्या करने आए 7 में 2 शूटर अतीक अहमद गैंग के थे।
विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार की रात को हत्या कर दी गई थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उमेश पाल को 7 गोलियां मारी गई थीं जिसमें 6 शरीर के पार हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार एक गोली शरीर में ही अटकी रह गई।