पूर्वांचल में फंसे स्वामी शाही और लल्लू समेत कई दिग्गज

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गोरखपुर । गोरखपुर-बस्ती मंडल की करीब एक दर्जन वीआईपी सीटों के नतीजों को लेकर लोग बेसब्र हो रहे हैं। गोरखपुर शहर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा प्रत्याशी हैं, यहां जीत-हार के अंतर को लेकर बुधवार को चौक-चौराहों पर चर्चा चलती रही। गोरखपुर के बाद सबसे ज्यादा चर्चा वाली सीट फाजिलनगर है, जहां से स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से मैदान में हैं।

इन दोनों सीटों के अलावा इटवा, बांसी, पथरदेवा और रुद्रपुर से प्रदेश सरकार के मंत्री मैदान में हैं जबकि रुद्रपुर से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह, तमकुहीराज से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल में भगवा का परचम लहराया था। मोदी लहर के सहारे भाजपा ने दोनों मंडलों की 41 सीटों में से 35 पर जीत दर्ज की थी जबकि एक सीट भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) और एक सीट सुभासपा के खाते में गई थी।

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इस बार सुभासपा का गठबंधन सपा के साथ है जबकि भाजपा गठबंधन में निषाद पार्टी शामिल है। निषाद पार्टी चार सीटों पर जबकि अपना दल (एस) फिर सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़ सीट पर लड़ रही है। कुशीनगर की फाजिलनगर सीट पर भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य दांव आजमा रहे हैं। भाजपा ने विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेन्द्र कुशवाहा और बसपा ने सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी को प्रत्याशी बनाया है।

कांग्रेस ने सुनील उर्फ मनोज सिंह पर दांव लगाया है। कुशीनगर जिले के तमकुहीराज विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कांटे की लड़ाई में फंस गए हैं। यहां से भाजपा और निषाद पार्टी के गठबंधन ने साझा उम्मीदवार डॉ. असीम कुमार को मैदान में उतारा है। वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से उदय नारायण गुप्ता जबकि बसपा ने संजय गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यहां से दूसरी बार विधायक हैं। जीतते हैं तो हैट्रिक बनाएंगे मगर राह आसान नहीं है। यह नतीजा लल्लू के राजनीतिक सफर की दिशा भी तय करने में महत्वपूर्ण होगा। सिद्धार्थनगर के इटवा में भाजपा से बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी मैदान में हैं तो सपा से पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय। 2017 में डॉ. सतीश द्विवेदी ने माता प्रसाद को शिकस्त दी थी, इस बार राह आसान नहीं। 1980 से इस अखाड़े में लगातार दांव आजमा रहे माता प्रसाद ने भी घेरेबंदी की है।

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