रिटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की कंपनी एफईएल पर 6,778.29 करोड़ रुपए का कर्ज
नई दिल्ली। कर्ज संकट में फंसे फ्यूचर ग्रुप ने फ्यूचर जेनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एफजीआईआईएलएल) में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है। फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) ने बताया कि उसने यह हिस्सेदारी एफजीआईआईएलएल में अपने पार्टनर जेनरली को 1,266.07 करोड़ रुपए में बेची है। इस लेनदेन के पूरा होने के बाद कंपनी में एफईएल की हिस्सेदारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से केवल 24.91 फीसदी रह जाएगी। रिटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की कंपनी एफईएल पर भारी कर्ज है। पिछले महीने उसने 2,911.51 करोड़ रुपए के लोन के भुगतान में डिफॉल्ट किया था। कंपनी पर कुल 6,778.29 करोड़ रुपए का कर्ज है।
फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया कि सरकार और प्रमुख नियामकों से जरूरी मंजूरियां हासिल करने के बाद उसने फ्यूचर जेनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है। सरकारी और नियामक प्राधिकरणों से मंजूरी मिलने के बाद यह लेनदेन पांच मई 2022 को पूरा हो गया। कंपनी ने 1,266.07 करोड़ रुपए में 25 प्रतिशत शेयर बेचे हैं। एफईएल फ्यूचर ग्रुप का हिस्सा है। फ्यूचर ग्रुप बिग बाजार और ईजीडे और हेरिटेज जैसी रिटेल चेन को संचालित करती है।
रिटेल किंग कहे जाने वाले बियानी का फ्यूचर ग्रुप भारी कर्ज में डूबा है। बियानी ने अपने रिटेल बिजनस को बेचने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 2020 में एक डील की थी। लेकिन अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन ने इस पर आपत्ति उठाई थी।
फ्यूचर और ऐमजॉन के बीच तब से कानूनी जंग चल रही है। हाल में रिलायंस ने फ्यूचर के साथ डील कैंसल कर दी थी क्योंकि बैंकर्स ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। लेकिन इससे पहले रिलायंस ने 900 से अधिक बिग बाजार स्टोर्स पर कब्जा कर लिया था। इससे फ्यूचर के नकदी प्रवाह में भारी गिरावट आई है। उसके पास बाकी स्टोर्स को ऑपरेट करने, कर्मचारियों या विक्रेताओं को भुगतान करने के लिए पर्याप्त माल या पैसा नहीं है। बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में बैंकों ने अपना बकाया वसूलने के लिए फ्यूचर रिटेल को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में घसीटने का फैसला किया है। इससे कंपनी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।