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बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण कानून पर तत्काल रोक लगाने से किया इनकार, अगली सुनवाई 10 अप्रैल को

मुंबई,। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को मराठा आरक्षण कानून पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए याचिकाकर्ताओं को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को मराठा समुदाय को दस प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य सरकार के नए कानून के खिलाफ चार व्यक्तियों, जयश्री पाटिल, गुणरत्न सदावर्ते, शंकर लिंगे और राजाराम पाटिल द्वारा दायर जनहित याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष की गई। खंडपीठ ने कहा कि यह ध्यान में रखते हुए कि यह विधानमंडल में पारित कानून है, राज्य सरकार और कानून से लाभान्वित हस्तक्षेपकर्ताओं को अवसर दिए बिना स्थगन आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सरकारी नौकरियों और शैक्षिक प्रवेशों में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले कानून से जो भी लाभ होगा, वह उच्च न्यायालय के अगले आदेश के अधीन होगा।

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