नई दिल्ली । देश के कुछ राज्यों में हुए विधानसभा व लोकसभा उपचुनाव के परिणाम भाजपा के लिए बेहद निराशाजनक जबकि विपक्ष के लिए उत्साहवर्धक रहे हैं। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस को जीत मिली वहीं, पश्चिम बंगाल में हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने बॉलीगंज विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और आसनसोल लोकसभा सीट भाजपा से छीन ली।
इसके अलावा बिहार में राजद ने एनडीए से एक सीट छीन ली। वैसे ज्यादातर उपचुनाव परिणाम राज्यों में सत्तारुढ़ दल के पक्ष में ही जाते हैं, इस लिहाज से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बंगाल के परिणाम ज्यादा चौंकाने वाले नहीं रहे, लेकिन बिहार में जिस तरह राजद को बड़ी जीत हासिल हुई है, उससे आने वाले दिनों में राज्य में नई राजनीतिक हलचल देखने को मिल सकती हैं। इसके साथ ही आसनसोल लोकसभा सीट भाजपा के हाथ से खिसकना राज्य भाजपा नेतृत्व के कौशल पर भी सवाल खड़े करता है।
बिहार की बात करें तो यहां राजद उम्मीदवार अमर कुमार पासवान ने बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार बेबी कुमारी को 35,000 से अधिक मतों से हराया है। हम आपको बता दें कि बोचहां से विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी। मुसाफिर पासवान ने 2020 में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर बोचहां से चुनाव जीता था। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान विकासशील इंसान पार्टी एनडीए का हिस्सा थी। इस लिहाज से अब राज्य विधानसभा में एनडीए की एक सीट कम हो गयी है।
वहीं बंगाल की बात करें तो आसनसोल लोकसभा और बॉलीगंज विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने एक तरफा जीत हासिल की। बॉलीगंज विधानसभा उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो और आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत हासिल की। खास बात यह है कि यह दोनों ही नेता पहले भाजपा में रह चुके हैं और अब तृणमूल के टिकट पर चुनाव जीते हैं।
बाबुल के बारे में तो माना जा रहा है कि ममता बनर्जी उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती हैं। आसनसोल में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी की अग्निमित्रा पॉल पर विजय हासिल की। हम आपको बता दें कि आसनसोल सीट बाबुल सुप्रियो के भारतीय जनता पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी। आसनसोल लोकसभा सीट पहली बार तृणमूल कांग्रेस के खाते में आई है।
पूर्व में यहां वामदलों के उम्मीदवार जीतते थे लेकिन 2014 से यह सीट भाजपा के पास थी। वहीं, बालीगंज की बात करें तो यहां के विधायक एवं राज्य सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी। इस जीत से खुश पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और ममता बनर्जी ने आसनसोल संसदीय क्षेत्र और बॉलीगंज विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को निर्णायक जनादेश देने के लिए धन्यवाद दिया है।
विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे बाबुल ने कहा कि यह टीएमसी कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है। उन्होंने कहा कि मैं जिस पार्टी में रहता हूं, उस पार्टी के लिए जान भी देता हूं। मुझे यह साबित करने की जरूरत नहीं। बाबुल ने कहा कि पहले मैंने भाजपा के लिए 2 गोल किए, अब मैं टीएमसी के लिए 10 गोल करूंगा। उन्होंने कहा कि 20,000 ज़्यादा वोटों से मिली जीत को मैं ममता बनर्जी और टीएमसी संगठन को समर्पित करता हूं। वहीं 2019 का लोकसभा चुनाव पटना साहिब सीट से कांग्रेस के टिकट पर हारने वाले शत्रुघ्न सिन्हा एक बार फिर से सांसद बन गए हैं। अपनी जीत के लिए उन्होंने मतदाताओं और तृणमूल नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जॉय बांग्ला जय हिंद।
उधर, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए तब बड़ी खुशी आई जब राजनांदगांव जिले की खैरागढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उसने जीत हासिल कर अपनी सीटों की संख्या बढ़ा ली। इस सीट पर राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की कोमल जंघेल को मात दी।
यह सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन से खाली हुई थी। खैरागढ़ में हुए उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार मैदान में थे। हालांकि, मुख्य मुकाबला सत्तारुढ़ कांग्रेस, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और जनता कांग्रेस के बीच बताया जा रहा था। जनता कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए जाने-माने वकील और खैरागढ़ राजपरिवार के दामाद नरेंद्र सोनी को अपना उम्मीदवार बनाया था। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की गठजोड़ सरकार के लिए भी तब राहत भरी खबर आई जब कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल करते हुए इस सीट को अपने पास बरकरार रखा।