–ईडी की सख्ती के बाद इलेक्टोरल बांड से राहत लिए, सैंटियागो मजदूरी के बाद लाटरी किंग बने, बेहिसाब दौलत बाद ईडी ने जब शिकंजा कसा तो भाजपा के करीबी बने
मऊ/नई दिल्ली। भाजपा को इलेक्टोरल बांड दान करने वाली पहली कंपनी ’’फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’’ के संचालक सैंटियागो मार्टिन कभी मजदूर थे। मजदूरी के बाद उन्होंने लॉटरी का कारोबार कर लॉटरी किंग कहलाए। जब बेहिसाब दौलत आई तो ईडी ने शिंकजा कसा, जिसके कारण मार्टिन चर्चा में आ गए। दुबारा मार्टिन भाजपा को सबसे अधिक चंदा देने वालों में शामिल हो कर चर्चा में है। बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एसबीआई ने बॉन्ड खरीदने की जानकारी चुनाव आयोग को दी है। इसके बाद इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की सूची भारत निर्वाचन आयोग ने जारी की है।
https://www.martinfoundation.com/blog/the-story-of-santiago-martin-from-an-improverished-labourer-to-india-lottery-king.php मार्टिन के चैरिटेबल ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार मार्टिन म्यांमार के यांगोन में मजदूर थे। वर्ष 1988 में वह भारत लौट कर दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में लॉटरी का बिजनेस शुरू कर लाटरी किंग बने। मार्टिन कर्नाटक और केरल के बाद पूर्वोत्तर पहुंच गए। पूर्वोत्तर में उन्होंने सरकारी लॉटरी योजनाओं पर काम करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने काम को भारत से बाहर भूटान और नेपाल में भी बढ़ाया। लॉटरी के अलावा सेंटियागो ने कंस्ट्रक्शन, रियल ऐस्टेट, टेक्सटाइल्स और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार किया। मार्दिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड एलायज इंडसट्रीज के अध्यक्ष भी हैं। यह संगठन भारत में लॉटरी के कारोबार को बेहतर बनाने और विश्वसनीयता को बढ़ाने का काम करता है। उनकी अगुवाई में फ्यूचर गेमिंग सोल्यूशंस इंडिया प्रा.लि. वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन की सदस्य बन गई और ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो और स्पोर्ट्स बैटिंग में विस्तार कर रही है।
चल रही है ईडी की जांच
आंकड़े बताते है कि कंपनी ने साल 2019 और 2024 के बीच 1368 करोड़ रुपये का दान दिया है। साल 2019 से ही ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए कानून के उल्लंघन के आरोपों को लेकर कंपनी की जांच कर रहा है। मई 2023 में कंपनी के कोयंबटूर और चेन्नई ठिकानों पर रेड भी हुई थी। कंपनी एशिया पेसिफिक लॉटरी एसोसिएशन की भी सदस्य है। साल 2001 से फ्यूचर गेमिंग वर्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन का भी हिस्सा है।
वर्ष 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसकी जांच भी की थी। इसने दो अलग-अलग कंपनियों के जरिए 1350 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। लिस्ट में दूसरे स्थान पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का नाम है। इसने कुल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। तीसरे स्थान पर क्विक सप्लाई चैन प्राइवेट लिमिटेड है, जिसने 410 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। चौथे पर 400 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने वाली वेदांता लिमिटेड और पांचवे स्थान पर हल्दिया एनर्जी लिमिटेड है। कंपनी ने 377 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। निजी तौर पर इलेक्टोरल बांड के जरिए दान देने वालों में लक्ष्मी निवास मित्तल के अलावा, किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बी के गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका जैसे व्यक्ति भी शामिल हैं।
इन पार्टियों को मिला दान
दान पाने वालों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आप, राजद, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य पार्टी शामिल शामिल हैं।
10 बड़े डोनर्स की सूची
1- फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज- 1350 करोड़ रुपये
2- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड- 966 करोड़ रुपये
3- क्विक सप्लाई चेन- 410 करोड़ रुपये
4- वेदांता लिमिटेड- 400 करोड़ रुपये
5- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड- 377 करोड़ रुपये
6- भारतीय ग्रुप- 247 करोड़ रुपये
7 एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज- 224 करोड़ रुपये
8- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड- 220 करोड़ रुपये
9- केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड- 195 करोड़ रुपये
10- मदनलाल लिमिटेड- 185 करोड़ रुपये
टॉप 10 चंदा लेने वाली पार्टी (करोड़ रुपये में)
बीजेपी 6,060
टीएमसी 1,609
कांग्रेस 1,421
बीआरएस 1,214
बीजेडी 775
डीएमके 639
वायएसआर कांग्रेस 337
टीडीपी 218
शिवसेना 158
आरजेडी 72.50