बीजिंग । चीन भारत की सीमा से लगे शिनजियांग और तिब्बत के सूदूर चीनी क्षेत्रों में जल्द ही चीनी सैनिकों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए 30 एयरपोर्ट बना रहा है।ये इलाका चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड (डब्ल्यूटीसी) के अंतर्गत आता है।चीन ने हाल ही में तिब्बत की राजधानी ल्हासा को भारत के अरुणाचल प्रदेश के करीब तिब्बती सीमावर्ती शहर निंगची से जोड़ने वाली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन शुरू की है।रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।इसमें से कई एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं और काम कर रहे हैं, जबकि कुछ को अभी तैयार किया जा रहा है। डब्ल्यूटीसी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सबसे बड़ी सैन्य कमांड है। ये भारत के साथ लगी सीमा की निगरानी करती है।
तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में बनने वाले तीन नए एयरपोर्ट में लुंजे काउंटी, टिंगरी काउंटी और बुरांग काउंटी शामिल हैं।ये तीनों एयरपोर्ट भारत के साथ लगती सीमा के करीब हैं।2022 के मध्य तक खुलने वाला एक और रणनीतिक एयरपोर्ट ताशकुरगन है।ये पामीर पठार पर शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में पहला सुपर-हाई पठारी एयरपोर्ट है। ताशकुरगन एयरपोर्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अफगानिस्तान के साथ लगने वाली चीन की सीमा के नजदीक है।
ताशकुरगन पीआके के करीब चीन का आखिरी महत्वपूर्ण शहर है और एक्सयूएआर में काशगर प्रांत के ताजिक स्वायत्त काउंटी में स्थित है।एक बार तैयार हो जाने पर ये नया एयरपोर्ट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वखान कॉरिडोर के करीब स्थित होगा।वखान कॉरिडोर वहां इलाका है, जो चीन और अफगानिस्तान के अलावा पीओके और ताजिकिस्तान को अलग करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल चीन भर के शहरों के साथ टीएआर और एक्सयूएआर को जोड़ने वाले लगभग दो दर्जन हवाई मार्गों का उद्घाटन किया गया है।नए मार्गों के खुलने और नए एयरपोर्ट का तेजी से निर्माण उस समय पर हो रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है।
चीन लगातार भारत के साथ लगने वाली सीमा पर अपनी मौजूदगी को बढ़ाने में जुटा हुआ है।बीजिंग दूरदराज के इलाकों में एयरपोर्ट और रेलवे रूट जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, जिनका जरूरत पड़ने पर सैन्य इरादे के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चीनी सेना के आधिकारिक सैन्य पोर्टल द्वारा इस सप्ताह प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में एयरपोर्ट का विकास परिवहन को और अधिक सुविधाजनक बना रहा है।