Monday, March 27, 2023

भारत के लिए सिरदर्द साबित होगी अफगानिस्तान की नई सरकार


दिल्ली । पिछले महीने 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद एक तबका प्रचारित करने में लगा था कि तालिबान बदल गया है और उसका रवैया उदारवादी हो गया है। हालांकि, पिछले तीन सप्ताह में जमीन पर ऐसा कुछ दिखा नहीं। तालिबान की अंतरिम सरकार में जिन चेहरों को जगह मिली है, उससे साफ हो गया है कि भारत की मुश्किलें बढ़ने वाली है। दोहा में तालिबान के जिस ग्रुप ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता शुरू की थी और भारत से भी संपर्क साधा था, उसे सरकार में करीब-करीब किनारे कर दिया गया है।

नई कैबिनेट में 33 में से 20 कंधार केंद्रित तालिबान गुट और हक़्कानी नेटवर्क के कट्टरपंथी हैं। इन लोगों पर पाकिस्तान का असर जगजाहिर है। पाकिस्तानी अखबार के पत्रकार जियाउर रहमान ने ट्वीट कर बताया है कि तालिबान की अंतरिम सरकार में कम-से-कम छह ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के जामिया हक़्कानिया सेमीनरी यानी अकोरा खट्टक से तालीम हासिल की है। उम्मीद जताई जा रही थी कि तालिबान की राजनीतिक विंग के प्रमुख और दोहा में अमेरिका से वार्ता करने वाले अब्दुल गनी बरादर को अफगानिस्तान सरकार की कमान मिल सकती है, लेकिन अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाया गया

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कट्टरपंथी और रहबरी-शूरा काउंसिल के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को। मुल्ला अखुंद ने वर्ष 2001 में बामियान में बुद्ध की मूर्तियां तुड़वाई थीं। अफगानिस्तान में इससे पहले के तालिबान शासन में मुल्ला अखुंद उप-विदेश मंत्री थे और इनका नाम संयुक्त राष्ट्र की ब्लैकलिस्ट में था। विश्‍लेषकों का मानना है कि अमेरिका के करीबी माने जाने वाले मुल्‍ला बरादर को पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख मोहम्‍मद फैज हामिद के इशारे पर किनारे लगाया गया है।

कहा जा रहा है कि मुल्ला बरादर पर पाकिस्तान को भरोसा नहीं है। उसे लगता है कि मुल्‍ला बरादर अमेरिकी दबाव में काम कर सकते हैं। गौरतलब है कि तालिबान के नेतृत्व में सरकार बनाने पर जब सहमति नहीं बन पा रही थी तो फैज हामिद काबुल पहुंचे और उनके पहुंचने के चौथे दिन सरकार की घोषणा कर दी गई।

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khariduniyahttp://khariduniya.com
"डंके की चोट " पर मै खरी दुनिया हू मै खरी दुनिया हू.... मै भ्रष्टाचारियों के बीच अकेला, लेकिन खरी दुनिया हू, मै हर हाल मे उन खबरो को, लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हू, जो अधिकांश बिकाऊ और बिकी मीडिया से, अपने "आका" के इशारे पर छुपा दी जाती हैं। मै इस लिए खरी दुनिया हू, क्योकि हमारी सरकार यानि "भारतीय जनता पार्टी " भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर "जीरो टालरेंस " क़ी हिमायती हैं। मै भाजपा की इस नीति का पालन करने और कराने के लिए "डंके की चोट" पर कफ़न "सर" पर लिए खुद को नियमबद्ध रखते हुए हाजिर हू....मै खरी दुनिया हू.... भ्रष्टाचारीयो मे अफसर हो, या गाव का प्रधान, मै पदीय अधिकारों क़ी आड़ मे क़ी गई उनकी अनियमित्ता के साक्ष्य को खोजने का काम करता हू , .....क्योकि मै खरी दुनिया हू।
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