–मामला बिना टेंडर और बिना निर्माण ग्राम प्रधानों की चहेती संस्थाओं को सेक्रेट्रियों के द्वारा किए गए लाखों लाख के भुगतान का है।
–खरी दुनिया ने प्रकाषित खबर के बाद हरकत में आए कलेक्टर की आचानक मौन साधना ने जनप्रतिनिधियों को भी डाला हैरत में षिकायत के बाद प्रभारी मेंत्री ने डीएम को मामले की जांच के लिए षासन को पत्र लिखने का दिया था आदेष
–समाचार दिए जाने तक डीएम की कायम है ‘‘मौन साधना’’ आष्चर्य में जनप्रतिनिधि और जनता
ब्रह्मा नन्द पांडेय
मऊ(खरी दुनिया)। जिले की ग्राम पंचायतों के द्वारा बिना निर्माण और बिना टेंडर भुगतान के मामले में जिलाधिकारी आरोपियों को बचाव में पदीय अधिकारों की आड़ में मनमानी करते हुए बचाव की मुद्रा में है। बीते सोमवार को कलेक्ट्रेट में जिला योजना की बैठक दौरान प्रभारी मंत्री सुरेश पासी ने डीपीआरओ के कार्यकलापों की जांच के लिए जिलाधिकारी से शासन को पत्र लिखने के लिए कहा गया लेकिन समाचार दिए जाने तक डीएम ने अभी तक पदीय अधिकारों के दुरुपयोग में डीपीआरओं ओर सीडीओं के बचाव में मंत्री के आदेश का पालन नही किया है। इस मामले में डीएम कुछ बोलने को तैयार नही है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले के जनप्रतिनिधियों में जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, विधायक विजय राजभर, विधायक श्रीराम सोनकर व मंत्री प्रतिनिधि शिवप्रकाश उपाध्याय ने ग्राम पंचायतों में हुई अनियमितता को लेकर कहा कि जनपद में जिला पंचायत राज विभाग की घोर उदासीनता के चलते बिना टेंडर वित्तीय अनियमितता हुई है। खरी दुनिया के द्वारा उठाए गए सवाल के बाद हरकत में आया प्रषासन का आचानक मौन साधना बड़े घोटाले की ओर इषारा करता है। जनप्रतिनिधियों ने आयोजित जिला योजना की बैठक मे जहां जिला पंचायत राज अधिकारी को दोषी करार दिया तो प्रशासन की आचानक पैदा हुई चुप्पी पर सवाल उठाए। जनप्रतिनिधियों की इस बात को सुनकर प्रभारी मंत्री ने नाराज हो कर जिलाधिकारी को जिला पंचायत राज अधिकारी के खिलाफ जांच के लिए शासन को पत्र लिखने का आदेष दिया। प्रभारी मंत्री ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए मामले की शासन से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी। मजे की बात यह रही कि दोपहर बात कलेक्ट्री चलाने के आदती रहे जिलाधिकारी ने आज तक पदीय अधिकारों की आड़ मे जमकर मनमानी की। डीएम ने आज तक प्रभारी मंत्री के आदेष के पालन में डीपीआरओ के खिलाफ जांच के लिए न तो षासन को पत्र लिखा और न ही बिना टेडर और बिना निर्माण ग्राम प्रधान की चहेती संस्थाओं को लाखो लाख के भुगतान की जांच के लिए ही षासन को पत्र लिखा है। सूत्रों पर यकीन करेें तो जिलाधिकारी इस पूरे मामले में डकार जाना चाहते है। क्योकि करोड़ों के घोटाले की जांच के मामले में सीडीओं, डीपीआरओं ,वीडीओ और सेक्रेट्रियों के खिलाफ कार्रवाई से कोई बचा नही सकता है।