——–बतौर बिद्यालय प्रिंसिपल जय नरायना द्विवेदी द्वारा वर्ष 2021 के 11रहवे माह की 24 तारीख की वेतन बिल को प्रमाणित कर अपनी नियुक्ति को 17/8/93 बताया है तो दूसरी तरफ बिभाग की वेबसाइट पर यही तिथि 30/7/93 बताते हुए खुद को केवल एमएससी फिजिक्स होना बताया गया है।
——–जयनरायन द्विवेदी के द्वारा अपनी दो तिथियों में नियुक्ति को प्रमाणित करना उनकी नियुक्ति की संदिग्धता की ओर ले जाता है, इस लिए न्यायहित समाजहित में जांच पर खरी दुनिया का जोर है
–प्रसाशन ने यदि अधिसूचना उपरांत दो तिथियों में जय नरायन की नियुक्ति का नही लिया संज्ञान तो ईएमएस अदालत की शरण लेने पर होगा मजबूर
ब्रह्मा नंद पांडेय
मऊ(खरी दुनिया)। बीआरके इंटर कॉलेज वलीदपुर के कार्यवाहक प्रिंसिपल और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के जिलाध्यक्ष को उनके बिद्यालय में दो बार नियुक्त किया गया है। यह खुलासा खुद बतौर प्रिंसिपल जयनरायन द्विवेदी ने अपने खुद के हस्ताक्षर से किया है। वेबसाइट पर प्रिंसिपल द्वारा अपलोड जानकारियों में नियुक्ति तिथि 30/7/93 बताया गया है तो वेतन बिल में 17/8/93 बताया गया है।
बिभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीआरके इंटर कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के जिलाध्यक्ष जय नरायन द्विवेदी द्वारा वर्ष 2021 के 11रहवे माह की 24 तारीख को अपने बिद्यालय के समस्त अध्यापको के साथ खुद की वेतन बिल को प्रमाणित करते हुए अपना एम्प्लॉई कोड 19240340407 और अपना स्टेट बैंक का खाता संख्या 11161319668 पे लेवल 7600-7 जीपीएफ़/ एनपीएस नम्बर एम/ 94/44 के साथ डेट ऑफ बर्थ 1/1/67 डेट ऑफ जोइनिंग 17/8/1993 के साथ डेट ऑफ रिटायर मेन्ट 31/3/2029 पर खुद मुहर लगाया गया है तो दूसरी तरफ शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उनके ही द्वारा खुद के बारे में अपलोड की गई जानकारियों में अपनी नियुक्ति तिथि 30/7/1993 और विनियमितीकरण की तिथि 24/5/2004 का उल्लेख करते हुए रिटायरमेन्ट की तिथि पर वेतन बिल में प्रमाणित तारीख पर मुहर लगाई गई है।
प्रिंसिपल ने अपनी खुद्द की योग्यता केवल एमएससी फिजिक्स ही बताकर इस बात का खुलासा कर दिया है की उनकी नियुक्टी प्रवक्ता पद पर हुई है! प्रिंसिपल द्वारा अपने बारे में बिभाग की वेबसाइट पर दी गई जानकारियों और उनके वेतन बिल में “डेट ऑफ जोइनिंग” की तारीख में अंतर यह साबित करता है कि उनकी नियुक्ति सम्बन्धी अभिलेखों में इनके द्वारा “छेड़छाड़” किया गया है क्योंकि “सर्विस बुक” खुद “प्रिंसिपल” की ही “कस्टडी” में उसके दफ्तर में ही रहता है।
सूत्र तो यहां तक इशारा करते है कि द्विवेदी द्वारा अपनी सर्विस बुक को बदला जा चुका है। वेब साइट में बतौर प्रिंसिपल जय नरायन द्विवेदी के द्वारा अपलोड जानकारियों और उनके द्वारा वेतन बिल पर दी गई जानकारियों के साथ इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि उनकी नियुक्ति के लिए प्रबन्धक द्वारा किस अखबार में, कब किन शर्तो के साथ बिज्ञापन निकाला था, इस बिज्ञापन के अनुसार प्रबन्धक के पास कुल कितने आवेदन आये थे, चयन समिति में कौन कौन लोग बतौर मेंबर/ अध्यक्ष थे, साक्षात्कार के लिए जारी बुलावा पत्र आदि की न्यायहित और समाजहित में किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
बताते चले कि जयनरायन द्विवेदी ने ईएमएस द्वारा उनके बारे में आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारियां आज तक नही दी है , हा जानकारियां दे दी गई है, इसको साबित करने के लिए जयनरायन द्विवेदी ने “ईएमएस” के पते पर लिफाफे में सादा कागज डालकर डांक विभाग से रजिस्ट्री जरूर की थी जिसकी कीमत 18 रुपये खर्च की है।