—राजकीय कन्या बिद्यालय और डीसीएसके पीजी कॉलेज के अधिकांश मतदाताओं से दूरी बनाकर रही मतदाता पर्ची
— अधिकांश बीएलओ मतदाताओं तक नही पहुचा सके उनकी वोटर पर्ची, मतदान के अंतिम समय तक पर्ची के लिए जूझते रहे वोटर
ब्रह्मा नंद पांडेय
मऊ( ईएमएस)। जिले के अधिकांश इलाको के बीएलओ ने इलाके के मतदाताओं तक उनकी वोटर पर्ची नही पहुचाई। बीएलओ की इस मनमानी के कारण अधिकांश मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नही कर सके। “ईएमएस” खुद एक वानगी भर रहा , मतदाता पर्ची को बीएलओ के द्वारा नही दिए जाने के कारण मताधिकार से वंचित रहा। बीएलओ की इस मनमानी पर जब ईएमएस गंभीर हुआ तो पाया कि इलाके के करीब करीब 25 से 30 फीसदी मतदाताओं तक उनकी वोटर पर्ची नही पहुचाई गई।
निवार्चन बिभाग की ओर से इस पॉइंट पर गंभीरता से ध्यान नही देने के कारण मतदाताओं को मतदान के लिए काफी परेशान होते देखा गया।
जिले का आरकेआइसी पोलिंग स्टेशन और डीसीएसके पीजी कॉलेज के अधिकांश मतदाताओं को वोटर पर्ची के लिए जिस तरह से परेसान होते देखा गया, वह एक वानगी भर रहा, कमोबेस यही हाल जिले के अधिकांश बूथों के मतदाताओं का था। मशक्कत के बाद बीएलओ तक पहुचे मतदाताओ को उनकी पर्ची नही दी जा सकी और वे मतदान के अंतिम समय तक जूझते रहे। यही स्थिति पूरे जिले देखी गई, पर्ची के लिए परेसान मतदाताओ की परेसानी एक वानगी भर रही, तो बीएलओ के टेबल पर मतदाताओ की भीड़ को बीएलओ की लापरवाही का सबूत बनते देखा गया। राजकीय कन्या बिद्यालय के बूथ की बीएलओ साधना सिंह से जब ईएमएस ने उनकी इस लापरवाही पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले ही उन्हें इलाके के मतदाताओ तक उनकी पर्ची को पहुचाने की जिम्मेदारी पूर्व के बीएलओ सर्वेश सिंह के द्वारा सुपुर्द की गई, इसी कारण अधिकांश मतदाताओ तक उनकी वोटर पर्ची नही पहुच सकी।
…नही तो मतदान का परसेन्टेज परम्परागत 55- 57.2℅ से ऊपर होता
मऊ (ईएमएस) शरुआत के 2 घण्टे में बिधान सभा क्षेत्र मधुबन, घोसी, मोहम्दाबाद गोहना और मऊ में क्रमशः 10.85, 9.42, 9.84, 9.85 हुए मतदान का प्रतिशत तैयार हुआ तो 11 बजे 25.85, 25.24, 24.05, 23.37, 1 बजे 37.9,.37.85, 36.23,36.35 तो 3 बजे यही मतदान का प्रतिशत 46.04, 48.03, 46.12, 46.05 तो 5 बजे तक यही परसेन्टेज 53.79, 54.98, 55.42, 55.86 रहा तो मतदान के अंतिम समय 6 बजे 55.23, 56.87, 58.3, 57.63 रहा। इस प्रकार जिले कुल मतदान का प्रतिशत 57.2 ही बन कर रह गया। मतदान का यह प्रतिशत और बढ़ सकता था यद्यपि बीएलओ अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहे होते। प्रशासनिक चूक कहे या फिर लापरवाही, या ओवर कॉन्फिडेंस ! मतदान में जो बढोत्तरी अपराह्न 3 बजे तक देखी गई वह अंतिम समय तक 60 फीसदी मतदान की ओर ही जाते दिखाई दे।रही थी लेकिन यहां तक भी मतदान का न पहुचने प्रसाशनिक खामी की ओर इशारा करता है। “ईएमएस” ने जितने मतदाताओ को अपनी पर्ची के लिए परेसान होते देखा, यदि इन्हें उनकी पर्ची मतदान समय से पहले मिल जाती तो , मतदान के अंतिम समय तक मतदान का परसेन्टेज परम्परागत 55- 57.2℅ से अधिक होता।
मतदान को बिना अड़चन सम्पन्न कराने को अलसुबह ही दफ्तर पहुँच गए डीएम
मऊ( ईएमएस)। जिलाधिकारी अरुण कुमार प्रातः 4:00 बजे से कलेक्ट्रेट सभागार में स्थित कंट्रोल रूम, वेबकास्टिंग व्यवस्था एवं जीपीएस लोकेशन की व्यवस्था का स्वयं की निगरानी में मतदान प्रारंभ होने के पूर्व तक निरीक्षण करते रहे एवं मतदान से संबंधित सभी शिकायतों का तत्काल निस्तारण करवाते रहे। मतदान प्रारंभ होने के उपरांत जिलाधिकारी अरुण कुमार ने पुलिस अधीक्षक सुशील घुले के साथ जनपद के आदर्श, दिव्यांग एवं सखी बूथो के अलावा लगभग 200 से ज्यादा बूथो पर हो रही मतदान प्रक्रिया का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कई मतदाताओं के परिचय पत्रो की भी जांच की। बूथो के अंदर चुनाव ड्यूटी में लगे कुछ कर्मियों के भी पहचान पत्र की जाँच जिलाधिकारी द्वारा स्वयं की गई। मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल सेक्टर मजिस्ट्रेट को अवगत कराने का डीएम ने निर्देश दिया। वहा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि 100 मीटर के दायरे के अंदर किसी भी प्रक्रार के वाहन की आवाजाही एवं बिना पहचान पत्र के लोग दिखाई दे, तो उन्हें तत्काल वहा से हटा दे। निरीक्षण के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अजय गौतम भी उपस्थित रहे।