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मऊ मे ग्राम पंचायतो मे घोटालो का अम्बार, प्रसाशन की लचीली कार्यशैली साबित हो रही कारण

मनरेगा कार्यों में गबन पर जिलाधिकारी ने पूर्व प्रधान से 2 लाख 82 हजार 223 रुपए की वसूली के दिए निर्देश,लोकपाल मनरेगा की जांच रिपोर्ट में 8 लाख 46 हजार 669 रुपए के गबन का था आरोप।

तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक से होगी शेष वसूली, ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के भी दिए निर्देश।

मऊ। गावों के ग्राम प्रधानों के द्वारा ग्राम सचिव को साजिस मे लेकर किये जा रहे वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जिलाधिकारी पुरी तरह से गंभीर है। जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत जमालपुर् मे मनरेगा मे हुई वित्तीय अनियमितत मे बुद्धवार को बड़ा एक्शन लेते हुए वसूली के आदेश दिये है। समाचार लिखे जाने तक अभी डीएम ने ऐसे घोटालो के प्रति अभी तक विधिक कार्यवाही नही की है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र ने बुद्धवार को विकासखंड मोहम्मदाबाद गोहना के ग्राम पंचायत जमालपुर में मनरेगा कार्यों में 8,46,669 रुपए के गबन का मामला संज्ञान में आने पर तत्कालीन प्रधान श्रीमती सावित्री देवी से 2,82,223 रुपए की वसूली के आदेश दिए। शेष 5,64,446 रुपए की वसूली दोषी पाए गए तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक से कराए जाने के निर्देश भी जिलाधिकारी द्वारा डीसी मनरेगा को दिए गए।

उल्लेखनीय है कि लोकपाल मनरेगा द्वारा विकासखंड मोहम्मदाबाद गोहना के ग्राम पंचायत जमालपुर में मनरेगा कार्यो में घपले की शिकायत की जांच में कुल 846669 रुपए के गबन का मामला पाया गया था। जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आज पूर्व प्रधान श्रीमती सावित्री देवी से 2,82,223 रुपए वसूली के आदेश दिए।इसके अलावा उन्होंने तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक से शेष धनराशि की वसूली के भी निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

ग्राम पंचायतो मे घोटालो का अम्बार, प्रसाशनिक लचीली कार्यशैली बन रही घोटाले का कारण

बहरहाल ऐसे घोटालो के प्रति अभी तक लचीली कार्यवाही ही सामने आई है, अभी तक की जाँच मे डीएम लेवल से किसी भी ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के खिलाफ विधिक कार्यवाही नही की गई है जबकि मामला सीधे गबन का उजागर होता है। ग्राम प्रधान मजदूरी की धनराशि को किसी भी हाल मे अपने खाते मे नही उतार सकता लेकिन इसी लचीली कार्य प्रणाली के कारण 90 प्रतिशत ग्राम प्रधान अपने सचिव को साजिस मे लेकर मजदूरी की रकम को हड़प रहे है। शिकायत बाद बचाव मे मजदूरों से सपथ पत्र को आधार बनाया जा रहा है जबकि नियम विरुद्ध है।

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