** इसी गाव मे तथ्यों को छुपाकर तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है मुन्नी लाल, यहा के साथ अन्य ग्राम पंचायतो मे घोटाले को अंजाम दे मुन्नी लाल ने खड़ा कर ली है अकूत सम्पत्ति, तो संबंधित ग्राम प्रधान भी हुए लाल
मऊ । विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह की हुई जाँच मे प्रधान द्वारा अपने खाते मे उतारे गये धनों की जाँच मे एक ही काम पर मनरेगा और राज बित्त से भी भुगतान का नई करतूत के खुलासे के बावजूद इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता के वावजूद जांच अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान और सचिव को बचाने मे पदीय अधिकारों का खुला दुरूपयोग किये जाने की खबर है। जाँच अधिकारी द्वारा सरकारी धन को मजदूरी के रूप मे खाते मे प्रधान द्वारा उतारने के आरोप को तो सही पाया गया है लेकिन सरकारी फरमान को ताक पर रखकर ग्राम प्राधन और सचिव को गबन के आरोप से मुक्ति भी दे दी गई है।
शिकायत कर्ता के द्वारा ग्राम पंचायत देवदह के ग्राम प्रधान अशोक चौहान और वर्तमान ग्राम प्रधान सुजाता चौहान पत्नी अशोक चौहान के द्वारा ग्राम पंचायत के खाते से मजदूरी के नाम पर अपने ब्यक्तिगत खाते मे सीधे धन उतार कर सचिव के माध्यम से किये गये गबन पर सवाल किया गया है।
मामले मे जाँच मे देरी पर शिकायतकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय मे न्याय की गुहार लगाते हुए जांच के लिए आवेदन किया था, याचिका मे सुनवाई बाद अदालत ने मामले की जांच का आदेश पारित किया है। आदेश के बाद बतौर जाँच अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मऊ डा नवीन द्वारा मामले की जाँच की गई।
बतौर जांच अधिकारी डा नवीन ने इस जाँच मे ग्राम प्रधान या उसके किसी रिस्तेदार के नाम ग्राम पंचायत के खाते से धन नही निकाले जाने के साशनादेश की अनदेखी किया है, जाँच मे एक ही काम मे आई मजदूरी को राज वित्त और मनरेगा से किये जाने के अविधिपूर्ण भुगतान पर भी मौन साधते हुए न तो विधिक कार्यवाही की और न ही मजदूरी हड़पने पर ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज किये गये है। यही जाँच रिपोर्ट के पैरा 8 मे ग्राम प्रधान सुजाता चौहान के द्वारा मजदूरी की रकम को अपने खाते मे लिए जाने का बचाव भी किया। जाँच अधिकारी ने ग्राम प्रधान के द्वारा शिकायतबाद कुछ मजदूरों से मजदूरी की रकम लेने का सपथ पत्र के माध्यम से कहवा कर ग्राम प्रधान और सचिव का बचाव कर दिया गया है, जबकि सरकारी फरमान इसके बिपरीत है।
जाँच रिपोर्ट के पैरा 1.7.8 मे जाँच अधिकारी द्वारा मजदूरी की रकम को हड़पने के साक्ष्य को हाथ लगने के बावजूद ग्राम प्रधान और सचिव को लिफाफा लेकर पुख्ता हो रहे आरोप से मुक्त कर दिया है। मजे कि बात तो यह है कि जिलाधिकारी मऊ के आदेश से हुई इस जाँच की रिपोर्ट को डीएम मऊ ने भी नही देखा, और जाँच अधिकारी के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए ग्राम प्रधान और सचिव को बचाव मे जानबूझकर जारी रिपोर्ट पर मुहर लगा दी गई है, जबकि पैरा 1 और 7 और 8 मे ही प्रथम दृश्ट्या गबन के आरोप पुष्ट है।
ग्राम प्रधान और सचिव से लिफाफा लेकर जाँच अधिकारी के द्वारा ग्राम प्रधान मजदूरी की रकम को अपने या अपने किसी रिस्तेदार के खाते मे नही उतारने के सरकारी फरमान को टाक पर रख कर जाँच रिपोर्ट देने मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग किया है।
शासनादेश के मुताविक ग्राम् प्रधान खुद और अपने रिस्तेदार के नाम पर ग्राम पंचायत के खाते से किसी भी तरह का भुगतान नही कर सकता है। यहा ग्राम प्रधान द्वारा जहा खुद मजदूरी की रकम को अपने ब्यक्तिगत खाते मे उतारा है तो अपने रिस्तेदार के खाते मे आज भी मजदूरी की रकम को हड़पवा जा रहा है।
जाँच अधिकारी के रूप मे सीवीओ द्वारा पदीय अधिकारो का इस तरह से दुरूपयोग किया गया है की ग्राम प्रधान सुजाता चौहान के द्वारा सरकारी धनों को सीधे अपने खाते मे उतारने के पुख्ता प्रमाण के बावजूद जाँच अधिकारी ने कोई कार्यवाही नही की है, जबकि सुजाता ने ग्राम सचिव को पटा कर सरकारी धन को हड़प लिया है, को स्वीकार किया गया है। ग्राम प्रधान पर कार्यवाही न हो इसके लिए जाँच अधिकारी डा नवीन ने उस साशनादेश को जानबूझकर नही दर्शाया है जिसमे ग्राम प्रधान को मजदूरी की रकम को शासन से अपने खाते मे लेने से सख्त मना किया गया है।
दो जगह से सरकारी वेतन उठाने वाला तकनीकी सहायक इसी गाव मे है तैनात
विकास खंड रत्नपुरा के देवदह ग्राम पंचायत मे तकनीकी सहायक के पद पर वही मुन्नी लाल की तैनाती है जिसके उपर इसी पद जनपद गाजीपुर मे तैनात रहते हुए कई साल तक दोनो स्थानों से सरकारी वेतन हड़पने का पुख्ता प्रमाण है।
शिकायत के बावजूद डीसी मनरेगा इसी मुन्नी लाल के बचाव मे जनपद गाजीपुर से आवश्यक आंख्या तलब करने से बच रहे है। मुन्नी लाल गाजीपुर मे इसी पद पर तैनात रहे है इसके पुख्ता प्रमाण है शिकायतकर्ता के पास, बावजूद मुन्नी लाल के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
आज भी ग्राम प्रधान द्वारा अपने जेठ राजेंद्र के नाम उतारी जा रही मजदूरी
ग्राम पंचायत देवदह मे ग्राम प्रधान सुजाता चौहान द्वारा आज भी अपने जेठ राजेंद्र के नाम मजदूरी की रकम हड़पी जा रही है। ग्राम प्रधान के इस अपराधिक कृत्य मे ग्राम पंचायत का सचिव भी शामिल है, तन्मय स्वयं सहायता समूह, और तन्मय इंटर प्राईजेज के नाम से जो धन उतरा जा रहा है यह ग्राम प्रधान के ही परिवार का है। ग्राम प्रधान ने मजदूरी की रकम अपने खाते मे निकाली है, यह साबित है तब जाँच अधिकारी ने साशनादेश को क्यो छुपाया ? यह जाँच का है बिषय!
बहरहाल शासनादेश के खिलाफ ग्राम प्रधान द्वारा धन हड़पने का आरोप जाँच रिपोर्ट मे साबित हो रहा है, इसी जाँच रिपोर्ट और साशनादेश को लेकर शिकायतकर्ता आगे जाने की तैयारी मे है।