: : डीएवी इंटर कॉलेज मऊ , बीआर के इंटर कॉलेज वलिदपुर मऊ और सतयराम जनता इंटर कॉलेज कल्याणपुर मऊ के प्रधानाचार्यो की काली करतूत के साक्ष्यों के साथ शपथ पत्र के साथ डी गई शिकायत पर बिभागीय अधिकारियों के साथ डीएम ने कार्यवाही के बाबत साधा मौन।
ब्रह्मा नंद पाण्डेय
मऊ । भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मौजूद साक्ष्यों को जिलाधिकारी द्वारा अनदेखी करने की खबर है। जिलाधिकारी द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे की गई अनदेखी का राज खुद जिलाधिकारी द्वारा कई माह पूर्व जिला बिद्यालय निरीक्षक मऊ को डीएवी इंटर कॉलेज, बिआरके इंटर कॉलेज और सतयराम जनता इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्यो के द्वारा शासनादेश के बिपरीत, कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी हथियाने की शिकायत है तो वही पर सतयराम के प्रिंसिपल पर सरकारी धनों की बंदरबाट पर उपलब्ध साक्ष्यों के साथ दी गई आपत्तियों पर कार्रवाई नही होने का खुलासा करती है। डीएम ने मामले की जाँच का आदेश देकर पुरा प्रकरण “डीआईओएस” को देकर दबवा दिया गया। जिलाधिकारी की यह करूर भ्र्ष्टाचारीयो के संरक्षण को साबित करने के लिए पर्याप्त है।
जिलाधिकारी कार्यालय को डीएवी इंटर कॉलेज मऊ के प्रधानाचार्य देव भाष्कर तिवारी द्वारा इंटर कॉलेज मे प्रिंसिपल बनने के लिए माध्यमिस्क शिक्षा परिषद के समक्ष लगाए गये अनुभव प्रमाणपत्र और जिला बिद्यालय निरीक्षक हापुन, द्वारा इनके अनुभव और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जाँच को आये पत्र पर जिला बिद्यालय निरीक्षक मऊ द्वारा कार्रवाई नही करने को आधार बनाकर इनकी नियुकी को साशनादेश के बिपरीत करार दिया गया था तो दूसरी तरफ बिआरके कॉलेज कॉलेज वालीदपुर मऊ के प्रधानाचार्य जय नारायण दुबे की प्रवक्ता पड़ पर नियुक्ति पर सवाल उठाये गये थे। दुबे बिना नियुक्ति बिभागीय अधिकारियों की सांथ गांठ से खुद का विनियमितीकरण कराने का आरोप था। इस क्रम मे जब दुबे उनके नियुक्ति पत्रों आदि की मांग की गई थी तो उन्होंने देने।से इंकार कर दिया था।
बिभागीय पोर्टल पर इनके द्वारा अपनी नियुक्ति तिथि कुछ डी गई है और वेतन विल पर कुछ डी गई है। इस प्रकार डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य देव भाष्कर तिवारी और बिआरके इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्यो की नियुक्ति मे उनके द्वारा बिभाग को दिये गये आवेदन दौरान शैक्षिक और अनुभव प्रमाण पत्रों के जाली होने का शपथ पत्र के माध्यम से जाँच का अग्रह किया था तो वही पर सतयराम जनता इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा बिद्यालय मे बिना निर्माण कराये सरकारी धनों की बंदरबाट का प्रमाण देकर कार्यवाही की मांग की गी थी। जिलाधिकारी कार्यालय ने शपथ पत्र के माध्यम से की गई शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिला बिद्यालय निरीक्षक को कार्यवाई के लिए पत्र दिया था लेकिन आज ६ माह से अधिका का समय बीतने को है डीएम ने अपने आदेश के पालन को लेकर जिला बिद्यालय निरीक्षक मऊ से कभी जानकारी नही ली और न हि इस मामले मे आज तक् कोई कार्रवाई की गई जबकि उपरोक्त तीनो प्रधानाचार्यो की काली करतूत का पुरा साक्ष्य जिला बिद्यालय निरीक्षक मऊ के पास आज भी मौजूद है। जिलाधिकारी की इस उपेक्षा के कारण भ्रष्टाचारीयो के हौशले बुलंद है तो वही पर सरकार को लाखो रुपये महीने की चपत लग रही है।