नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही दो सेमीकंडक्टर बनाने की यूनिट को मंजूदी दे सकती है। इलेक्ट्रॉनिक और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि मोदी सरकार 1.53 लाख करोड़ रुपये निवेश वाले पांच सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के प्रस्ताव में से दो को जल्द मंजूरी देने वाली है, इसके बाद इन प्रोजेक्ट को पूरा होने में एक या फिर दो साल का समय लग सकता है। चंद्रशेखर ने बताया कि सेमीकंडक्टर यूनिट के अलावा सरकार को 100 से अधिक चिप डिजाइन करने के वाले स्टार्टअप से आवेदन मिले हैं। देश में चिप डिजाइन को लेकर बेस स्थापित हो चुका है और हम यहां से तेजी आगे बढ़ सकते हैं।
दरअसल मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले यूनिट्स को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की थी। सितंबर 2022 में सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना के लिए सभी टेक्नोलॉजी नोड्स में लागत का 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता का ऐलान किया था, जो कि पहले 30 से 50 प्रतिशत के बीच था। भारतीय कंपनी वेदांता और ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में सेमीकंडक्टर और डिसप्ले बनाने के लिए ज्वाइंट वेंचर किया है।
इसके तहत 1.54 लाख करोड़ का निवेश दोनों कंपनियां करेंगी। मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के गुजरात के घोलेरा में जगह को भी फाइनल कर लिया गया है। चंद्रशेखर ने कहा कि देश में स्मार्टफोन पीएलआई के जरिए मोबाइल एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिल रहा है। जल्द ही देश का मोबाइल एक्सपोर्ट 1,00,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू सकता है। चालू वित्त वर्ष में ये 85,000 करोड़ से लेकर 90,000 करोड़ रुपये के बीच रह सकता है, जो कि पिछले साल से दोगुना है।