लखनऊ । उप्र में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट पैदा हो गया है। बिजली संकट को देखते हुए राज्य के महानगरों, इंडस्ट्री और जिला मुख्यालय को छोड़कर हर जगह अघोषित बिजली कटौती कर किसी तरह काम चलाया जा रहा है। माना जा रहा है कि यदि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कटौती काफी तेजी से बढ़ेगी। उप्र पावर कॉरपोरेशन के पास मौजूदा समय एक सप्ताह से भी कम का कोयला बचा हुआ है।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि स्थिति बहुत खराब है। सरकार ने अभी से तैयारी नहीं की तो परेशानियां बढ़नी तय है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर वह ऊर्जा मंत्री और पावर कॉरपोरेशन एमडी एम देवराज से भी चर्चा कर चुके हैं। इसके बाद दोनों ने जल्द ही स्थिति को कंट्रोल में करने के लिए उचित प्रयास करने का आश्ववासन दिया है।
पाॅवर कारपोरेशन के सूत्रों ने बताया कि 600 मेगावाट बिजली पर असर पड़ रहा है। इसमें आठ यूनिट तक पूरी तरह से बंद है। इसके कारण 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है। इसके अलावा करीब कई यूनिट पूरी क्षमता पर नहीं चल पा रही है। इससे 200 मेगावाट बिजली पैदावार पर असर पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही यह 8000 से 10000 मेगावॉट पर पहुंच जाएगा। इसकी वजह से उप्र की आधी सप्लाई बाधित हो जाएगी।
अवधेश वर्मा का कहना है कि दीपावली से पहले संकट खत्म होता नहीं दिख है। सरकार को इसके लिए विशेष प्रयास करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कई जगह पर ब्लैक आउट वाली स्थिति हो सकती है।