यूपी में डेंगू और वायरल का कहर, लखनऊ में तीन गुना अधिक हो गई पैरासिटामॉल की बिक्री

0
131
डेंगू
डेंगू


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में डेंगू और वायरल बुखार का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। हजारों लोग इससे पीड़ित हैं। राजधानी लखनऊ में बुखार का कहर बढ़ता ही जा रहा है। मेडिकल स्टोरों पर दवाओं की बिक्री में बढ़ोतरी भी इसका सबूत है। अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट से लेकर रिटेल मेडिकल स्टोरों पर पैरासिटामॉल की बिक्री तीन गुना हो गई है। वहीं, इसके साथ बुखार में दी जाने वाली दूसरी दवाओं की बिक्री भी बढ़ गई है। डॉक्टर की सलाह के अलावा सीधे मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने वालों में भी दोगुना इजाफा हो गया है।


दुकानों पर पैरासिटामॉल की बिक्री एक हफ्ते के मुकाबले दोगुना ज्यादा हो गई है। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन (रिटेल) के प्रवक्ता विकास रस्तोगी ने बताया कि मेडिकल स्टोरों पर पैरासिटामॉल खरीदने वालों का ब्योरा दर्ज किया जाता है। इसमें यह सामने आया है कि पैरासिटामॉल की बिक्री का ग्राफ कोरोना की दूसरी लहर में हुई बिक्री के बराबर पहुंच गया है। फिलहाल पैरासिटामॉल की डोलो टैबलट सबसे ज्यादा बिक रही है। विकास के मुताबिक, ज्यादातर लोग वायरल फीवर होने पर एक-दो दिन तक डॉक्टर के पास नहीं जाते और खुद ही दुकान से खरीदकर पैरासिटामॉल खाते हैं। इस कारण बिक्री ज्यादा हो रही है।

Ads code goes here


मौजूदा समय में लोगों को पांच से सात दिन तक बुखार हो रहा है। ऐसे में डॉक्टर 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों को एंटीबायटिक लिख रहे हैं। इस कारण एजिथ्रोमाइसीन समेत कई एंटीबायटिक दवाओं की बिक्री भी दोगुना हो गई है। हुसैनगंज के एक केमिस्ट ने बताया कि पहले लोग सिर्फ बुखार के लिए पैरासिटामॉल खरीदते थे, लेकिन अब एंटीबायटिक भी खरीद रहे हैं, हालांकि ज्यादातर मेडिकल स्टोर संचालक लोगों को पहले दिन ही एंटीबायटिक न लेने के लिए ताकीद करते हैं।


केजीएमयू के डॉ. कौसर उस्मान ने बताया कि डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायटिक दवा नहीं लेनी चाहिए। बुखार कई तरह के होते हैं। सिर्फ बैक्टीरियल इंफेक्शन में एंटीबायटिक कारगर होती है, जबकि वायरल इंफेक्शन में यह काम नहीं करेगी। ऐसे में डॉक्टर भी पहले पैरासिटामॉल लिखते हैं, फिर लक्षणों और जांच के आधार पर एंटीबायटिक तय करते हैं। मरीज खुद से एंटीबायटिक दवा लेंगे तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।


हजारों लोग इससे पीड़ित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित फिरोजाबाद में पिछले दो दिनों में 15 मरीजों की मौत हो गई। रविवार को मेरठ में 13, लखनऊ में पांच और लखीमपुर खीरी में डेंगू के चार नए केस सामने आए। इस दौरान लखनऊ व कानपुर में एक-एक मरीज की मौत हो गई।
फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में रविवार को 118 नए मरीज भर्ती हुए, जबकि 97 को डिस्चार्ज किया गया। डेंगू वॉर्ड में 408 मरीज भर्ती हैं। तीमारदारों का आरोप है कि यहां मरीजों का उचित इलाज नहीं हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी हजारों मरीज इलाज न मिलने से परेशान हैं। कई गांवों के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र बंद होने की शिकायतें मिल रही हैं। मेरठ में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर–घर जाकर सर्वे कर रही है। डेंगू के 13 नए मरीज मिलने के बाद जिले में केसों की संख्या 76 हो गई है। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि इस बार डेंगू का स्ट्रेन कम घातक है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।


लखनऊ में रविवार को डेंगू के पांच नए मरीज मिले। तीन मरीज बलरामपुर और एक सिविल अस्पताल में भर्ती है। सभी की हालत स्थिर है। इंदिरानगर पॉलिटेक्निक के पास रहने वाले 2 साल के बच्चे की रविवार को मौत हो गई। वह बीते कई दिनों से तेज बुखार से पीड़ित था। उसे पहले निशातगंज फिर मड़ियांव के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। कानपुर के कुरसौली गांव में रविवार को डेंगू से युवती की मौत हो गई। ग्रामीणों का दावा है कि यहां बुखार से अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं। डीएम आलोक तिवारी ने डेंगू से किसी की मौत से इनकार किया है। लखीमपुर के जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के चार नए केस मिले हैं। सीएमओ कार्यालय के मुताबिक घर-घर जांच में बुखार के 1706 केस मिले हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here