Monday, March 27, 2023

राजनाथ ने कहा, सशस्त्र बलों के एकीकरण की प्रक्रिया का उद्देश्य हमारी दक्षता को भी आगे बढ़ाना है

  • नई दिल्ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 का युद्ध न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी सरकार के दृष्टिकोण का बेहतरीन उदाहरण है। नई दिल्ली में पीसी लाल मेमोरियल लेक्चर में अपने संबोधन के दौरान सिंह ने कहा ‎कि 1971 का युद्ध न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी पूरे सरकार के दृष्टिकोण का बेहतरीन उदाहरण है।
  • उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के एकीकरण की चल रही प्रक्रिया का उद्देश्य न केवल हमारी संयुक्त क्षमता बल्कि हमारी दक्षता को भी आगे बढ़ाना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी गुरुवार को पीसी लाल मेमोरियल लेक्चर में शामिल हुए थे।
  • रक्षा मंत्री ने इस दौरान कहा कि यह हमेशा जरूरी नहीं है कि अधिक महंगे हथियार प्रणालियों को खरीदा जाए। यह हथियार प्रणालियों के दक्षतापूर्ण इस्तेमाल की बात है जो हमें युद्ध में बढ़त देता है। सिंह ने इसी के साथ भारतीय वायु सेना को एक एयरोस्पेस बल बनने और देश को उभरते खतरों से बचाने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
    रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पिछले अनुभवों ने हमें सिखाया है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए आयात पर निर्भर नहीं हो सकता है। आत्मनिर्भरता कहना आसान है, लेकिन उसपर चलना आसान नहीं है। शुरुआत में देश में निर्माण हमें किफायती नहीं होगा लेकिन आगे चलकर इसके बेहतर परिणाम आएंगे।
  • इससे न केवल डिफेंस सेक्टर बल्कि हर उद्योग में एक मजबूत इंडस्ट्रियल बेस बनाने में मदद मिलेगी। आज हमें पिछले युद्ध और हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें सीखना होगा कि युद्ध कैसे हमारे देश को आगे मिलने वाली चुनौतियों के तौर पर भी सामने आ सकते हैं।

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