लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधानसभा में नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा है कि रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है। लेकिन जो कुछ आपत्तियां है वह आज की आपत्ति नहीं है। वह 5000 साल पुरानी आपत्तियां हैं, जिसको लेकर अगर कोई सोने की तख्ती पर भी लिखकर दे देगा, तब भी मैं नहीं मानूंगा। वहीं उन्होंने कहा कि राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की सरेआम दिनदहाड़े दुस्साहसिक ढंग से की गई हत्या राज्य में कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। क्या यही भाजपा सरकार का रामराज है।
पत्रकारों से बातचीत में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य में कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं। प्रदेश में किसी की भी जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पूरे राज्य में अराजकता व्याप्त है। प्रयागराज में ऐसी घटना फिल्मी अंदाज में घटी। गोली के साथ बम चले। कानून व्यवस्था के बाद स्वास्थ्य सेवाओं का हाल यह है कि जब गोली लगने के बाद पीड़ित अस्पताल पहुंचे तो वहां डाक्टर नदारद थे। क्या रोज हो रहे अपराध जीरो टॉलरेंस के उदाहरण है। उन्होंने कहा कि छह साल से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त का दावा करते आ रहे है वे बताएं कि आखिर अपराध कैसे हो रहे हैं?
जहां स्थायी डीजीपी ही न हो वहां कानून व्यवस्था कैसे ठीक होगी? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था नहीं सम्हाल पा रहे हैं। सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने जबसे कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की है तबसे भाजपा नेताओं के संरक्षण और इशारे पर लूटपाट, हत्या, वसूली की घटनाएं बढ़ गई हैं। बेटियों और महिलाओं का जीवन और सम्मान सुरक्षित नहीं रह गया है। जब भाजपा के मंत्री सदन में अपराधों में कमी होने का दावा पेश कर रहे थे तो उसी वक्त उन्नाव में 9वीं कक्षा की छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या जैसी दुःखद घटना घटी। उन्होंने कहा कि पुलिस इंटेलिजेंस पूरी तरह विफल है। उत्तर प्रदेश में जंगल राज है। भाजपा की डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल है। सच तो यह है कि भाजपा सरकार ने पुलिस रिस्पांस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया है।