यूरोपीय देशों ने इस ब्लैकमेलिंग करार दिया
मॉस्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्राकृतिक गैस के खरीदारों को रूबल में पेमेंट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो भी खरीदार रूबल में पेमेंट नहीं करेगा उसकी गैस सप्लाई को रोक दिया जाएगा। पुतिन के धमकी से यूरोपीय देशों में हाहाकार मच गया है। दरअसल, अधिकतर यूरोपीय देशों ने रूबल में पेमेंट करने की मांग को खारिज किया है। रूसी गैस का सबसे बड़ा उपभोक्ता जर्मनी ने पुतिन की मांग को ब्लैकमेलिंग करार दिया है। यूरोप पहले से ही प्राकृतिक गैस की कीमतों में बेहताशा बढ़ोत्तरी से हलकान है। इसके बाद रूस अगर गैस सप्लाई रोकता है, तब यूरोपीय देशों में भुखमरी की नौबत आ सकती है। इतना ही नहीं, करोड़ों लोगों को गैस की कमी से भीषण ठंड का भी सामना करना पड़ सकता है।
पुतिन के फैसले के बाद आशंका हैं, कि यूरोपीय देशों की गैस सप्लाई तिहाई तक कम हो सकती है। रूसी गैस पर सबसे अधिक निर्भर देश जर्मनी है। इसके बाद जर्मनी ने आपातकालीन योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। अगर रूस गैस की सप्लाई रोकता है, तब यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि रूसी गैस का निर्यात पुतिन का सबसे बड़ा हथियार है।
इसकारण मुश्किल में फंसे पुतिन गैस सप्लाई को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रूस के ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को कम करना चाहते हैं। पुतिन ने कहा कि रूसी गैस के खरीदारों को रूसी बैंकों में रूबल अकाउंट खोलने चाहिए। इसमें 1 अप्रैल से सप्लाई की जाने वाली गैस का पेमेंट इन्हीं अकाउंट्स के जरिए होगा। अगर रूबल अकाउंट से भुगतान नहीं किया जाता है,तब हम खरीदारों को डिफाल्टर मानने वाले हैं, और उन्हें इसके परिणाम भुगतना होगा। कोई भी हमें मुफ्त में कुछ भी नहीं बेचता है, और हम चैरिटी भी नहीं करने जा रहे हैं। इसके बाद गैस की सप्लाई रोकी भी जा सकती है।
रूसी राष्ट्रपति की मांग को यूरोपीय संघ और जी -7 के सदस्य देशों ने खारिज कर दिया है। इटली ने कहा कि वह रूस को कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए अपने यूरोपीय भागीदारों के संपर्क में है। इसके बाद में वह खुद के देश के लिए गैस सप्लाई को बरकरार रखने के लिए दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहा है। जर्मन गैस कंपनियों ने कहा है कि वे रूसी गैस की आपूर्ति में आने वाली कमी को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं और भविष्य के कदमों को लेकर एक रोडमैप तैयार कर रहे हैं।
पुतिन के अनुसार, विदेशी खरीदार गैस के भुगतान के लिए रूस के गज़प्रॉमबैंक में विशेष खातों का उपयोग करेगा। आदेश में कहा गया है कि गजप्रॉमबैंक गैस खरीदार की ओर से रूबल खरीदेगा और इस सरकार के अकाउंट में ट्रांसफर करेगा। बड़ी बात यह है कि रूस के साथ हुई डील के अनुसार, खरीदारों को अप्रैल में सप्लाई हुई गैस के लिए पेमेंट अप्रैल और मई के दूसरे क्वार्टर में करना होगा।