वॉशिंगटन । रूस के लगातार हमले झेल रहे यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने मारियुपोल में हालात गंभीर और हृदय विदारक बताए और कहा कि वहां रूस के जारी हमले एक ‘लाल रेखा’ साबित हो सकते हैं, जिससे बातचीत के जरिए शांति पर पहुंचने के सभी प्रयास खत्म हो जाते हैं।
कुलेबा ने सीबीएस ने बताया कि बंदरगाह शहर में मौजूद यूक्रेन की सेना के बाकी के कर्मियों और नागरिकों को असल में रूसी सेना ने घेर लिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनियों का संघर्ष जारी है लेकिन भारी विध्वंस के कारण अब शहर का कोई अस्तित्व नहीं बचा है।
कुलेबा ने कहा कि उनका देश शांति के लिए किसी राजनीतिक समाधान पर पहुंचने की उम्मीद के साथ हाल के हफ्तों में रूस के साथ ‘विशेषज्ञ स्तर’ की वार्ता करता रहा है। लेकिन मारियुपोल की महत्ता बताते हुए उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की उस बात को दोहराया कि यूक्रेनी बलों का खात्मा शांति प्रयासों को रोकने वाली ‘लाल रेखा’ हो सकती है।
वहीं, यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि मारियुपोल पर रूस का कब्जा नहीं हुआ है और वहां यूक्रेनी सेना ‘अंत तक’ लड़ेगी। प्रधानमंत्री डेनिस श्मीहाल ने रविवार को एक अमेरिकी टेलीविजन पर पूर्वी शहर में बिना भोजन, पानी और बिजली के साथ फंसे 1,00,000 यूक्रेनियों की मदद की अपील की। उन्होंने कहा कि मारियुपोल के कुछ क्षेत्र अब भी यूक्रेन के कब्जे में हैं और रूस ने शहर पर पूरी तरह कब्जा नहीं जमाया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह युद्ध, अत्याचार और गरीबी की ‘काली छाया’ में रह रहे लोगों के लिए ईस्टर पर प्रार्थना करते हैं।
उन्होंने रविवार को कहा कि वह ईश्वर की सभी संतानों के लिए शांति, स्वतंत्रता और मौलिक प्रतिष्ठा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। पूर्वी यूक्रेन में एक क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा कि रूसी बमबारी में कम से कम दो लोग मारे गए हैं। लुहांस्क क्षेत्र के गवर्नर सेरही गैडई ने कहा कि कम से कम चार अन्य रविवार को घायल हो गए, जब रूसी सैनिकों ने जोलोटे शहर में एक आवासीय इमारत में गोलीबारी की। यूक्रेन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि खारकीव में रूसी बमबारी में कम से कम पांच लोगों की जान चली गई है।