Friday, March 24, 2023

रोज कितने “दूध” की खरीदारी किससे करता है “छप्पनभोग”? नही दे सका जबाब


“ख़रीदुनिया” से वार्ता में “छप्पनभोग” नही दे सका उसके सवालो का जबाब
ब्रह्मा नंद पांडेय
मऊ( खरी दुनिया) मिठाइयों की दुकान में सुमार जिले का “छप्पनभोग” अपने नाम के मुताबिक नित नए रिकॉर्ड बनाने में व्यस्त है। शीर्षक सावधान !छप्पनभोग से बिकती है मिलावटी मिठाईया” से प्रकाशित खबर उपरांत छप्पनभोग के स्वामी प्रिंस, मिठाई बनाने के लिए, किस दूधिये से कितने की मात्रा में प्रतिदिन दूध की खरीदारी करते है, के सवाल का नही दे सके जबाब!
बिभागीय सूत्रों की माने तो “प्रिंस” के इस “छप्पनभोग” में छेने से निर्मित मिठाइया मानक के बिपरित बनाकर बेची जाती है। बीते माह ऐसे ही बनाकर बेचने को तैयार मिठाइयों में से बिभाग द्वारा की गई “सैंपलिंग” में छेने से निर्मित मिठाईयो की जांच में “स्टार्च” पाए जाने पर “छप्पनभोग”, सजा में हजारों का अर्थदण्ड सरकार को दे चुका है। इस “अर्थदण्ड” को लेकर प्रकाशित खबर के बाद शनिवार को जब “छप्पनभोग” के मालिक प्रिंस से “खरी दुनिया” ने उनके मोबाइल पर रिंग कर, उनके प्रतिष्ठान द्वारा रोज खरीदे जाने वाले “दूध” की मात्रा पर सवाल किया तो वे सवाल सुनकर खरी दुनिया पर भड़क गए और सवाल कर बैठे कि, आप से क्या मतलब? साहब का सवाल सुनकर जैसे ही उन्हें उनकी “हद” को बताने की “खरी दुनिया” ने शुरुआत की, “छप्पनभोग” के स्वामी प्रिंस ने “काल” विच्छेदित कर दी। बहरहाल “छप्पनभोग” का बतौर स्वामी प्रिंस का जबाब कितना उचित है? यह तो आप सुधि पाठको को निर्णित करना है लेकिन खरी दुनिया की “पड़ताल” में “छप्पनभोग ” औषधीय नियंत्रण और श्रम प्रवर्तन विभाग के साथ कार्यालय नगर मजिस्ट्रेट कीरहम पर चलने वाला मिलावटी मिठाइयों के भंडार जैसा मिला।

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"डंके की चोट " पर मै खरी दुनिया हू मै खरी दुनिया हू.... मै भ्रष्टाचारियों के बीच अकेला, लेकिन खरी दुनिया हू, मै हर हाल मे उन खबरो को, लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हू, जो अधिकांश बिकाऊ और बिकी मीडिया से, अपने "आका" के इशारे पर छुपा दी जाती हैं। मै इस लिए खरी दुनिया हू, क्योकि हमारी सरकार यानि "भारतीय जनता पार्टी " भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर "जीरो टालरेंस " क़ी हिमायती हैं। मै भाजपा की इस नीति का पालन करने और कराने के लिए "डंके की चोट" पर कफ़न "सर" पर लिए खुद को नियमबद्ध रखते हुए हाजिर हू....मै खरी दुनिया हू.... भ्रष्टाचारीयो मे अफसर हो, या गाव का प्रधान, मै पदीय अधिकारों क़ी आड़ मे क़ी गई उनकी अनियमित्ता के साक्ष्य को खोजने का काम करता हू , .....क्योकि मै खरी दुनिया हू।
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