आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका को मिलेगा अदानी का सहारा
नई दिल्ली। आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका ने दिवालिएपन की घोषणा कर दी है, जिसके बाद वहां महंगाई तेजी से बढ़ी है। इसी बीच वहां की स्थिति को सुधारने के लिए अदानी ग्रुप श्रीलंका में एक बड़ा निवेश करने जा रही है। श्रीलंका ने अपने पहले बड़े विदेशी निवेश की घोषणा की, जिसमें अदानी ग्रुप द्वारा 442 मिलियन डॉलर (लगभग 36 अरब रुपये) की पवन ऊर्जा परियोजना को मंजूरी दी गई है।
इस परियोजना के अलावा अदादनी ग्रुप श्रीलंका के सबसे बड़े बंदरगाह पर 700 मिलियन डॉलर के पोर्ट टर्मिनल प्रोजेट पर भी काम कर रही है। इसे भारत के तरफ से चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार अदानी ग्रुप श्रीलंका में अपने दो-दो विंड फार्म को स्थापित करेगी और दोनों फार्म 2025 तक राष्ट्रीय ग्रिड को बिजली की आपूर्ति करेंगे।
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने कहा कि पवन ऊर्जा परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए उन्होंने बुधवार को कोलंबो में अदानी ग्रुप के अधिकारियों से मुलाकात की। उनके मुताबिक दिसंबर 2024 तक बिजली संयंत्रों को कमीशन किया जाएगा।
पवन ऊर्जा परियोजना के अलावा अदाणी ग्रुप एक पोर्ट टर्मिनल परियोजना पर भी काम कर रही है, जिसे 2021 में कोलंबो में 700 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ शुरू किया गया था।
यह एक रणनीतिक परियोजना के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें फर्म कोलंबो हार्बर में एक चीनी-संचालित टर्मिनल के ठीक बगल में 1.4 किलोमीटर, 20 मीटर गहरी जेट्टी का निर्माण हो रहा है। बता दें कि यह दुबई और सिंगापुर के बीच एकमात्र गहरे समुद्र के कंटेनर बंदरगाह है और चीन के बढ़ते प्रभाव पर सरकार की बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए एक जवाबी कार्रवाई रूप में देखा जा रहा है। अदानी ग्रुप को भारत सरकार द्वारा कॉन्ट्रेक्टर के रूप में नॉमिनेट किया गया है।