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सत्येंद्र जैन पर आरोप तय करने के लिए कोर्ट ने ईडी की आंशिक दलीलें सुनीं

नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर ईडी की ओर से आंशिक दलीलें सुनीं। स्पेशल जज राकेश स्याल ने आरोप तय करने पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को करने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के साथ उनकी पत्नी पूनम जैन भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुईं। इसके अलावा अजीत जैन, वैभव जैन और अंकुछ जैन सशरीर कोर्ट में पेश हुए। ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन और एनके माटा ने आरोप तय करने के मामले में आंशिक दलीलें रखी। दोनों वकीलों ने कोर्ट से कहा कि उन्हें किसी दूसरे मामलों की सुनवाई में जाना है, इसलिए सुनवाई टाली जाए। उसके बाद कोर्ट ने आरोप तय करने पर सुनवाई 14 फरवरी तक के लिए टाल दिया।

इससे पहले कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2023 को आरोप तय करने के मामले में आंशिक दलीलें सुनी थी। एक दिसंबर, 2023 को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को दस्तावेजों की जांच की अनुमति दे दी थी। सत्येंद्र जैन की ओर से 18 नवंबर, 2023 को दस्तावेज जांच की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई थी। जैन की ओर से कहा गया था कि गवाहों की लिस्ट में योगेश मलिक का नाम है, लेकिन हमें दी गई लिस्ट में योगेश मलिक का नाम नहीं है। आखिर ईडी कोर्ट से यह खेल क्यों खेल रही है।

जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्रा.लि.. इंडो मेटल इम्पेक्स प्रा.लि.. प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्रा.लि.. मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. शामिल हैं।

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